बिहार चुनाव: फालोदी सट्टा बाजार में एनडीए की बढ़त, महागठबंधन की स्थिति कमजोर
बिहार विधानसभा चुनाव की हलचल
बिहार न्यूज. जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियां नजदीक आ रही हैं, राजस्थान के प्रसिद्ध फालोदी सट्टा बाजार में गतिविधियां तेज हो गई हैं। यहां दांव लगाने वाले आंकड़े पेश कर रहे हैं कि कौन सा राजनीतिक गठबंधन जीत हासिल करेगा और किसकी किस्मत खराब होगी। सट्टा बाजार को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि यह कई बार चुनावों में सटीक परिणाम दे चुका है। इस बार भी यहां का माहौल बिहार की राजनीतिक तस्वीर को स्पष्ट करने लगा है।
एनडीए पर विश्वास क्यों?
फालोदी के सट्टा बाजार में अधिकांश बुकियों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) इस बार बिहार में सत्ता में आएगा। उनके पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को 135 से 138 सीटें मिलने की संभावना है। यह संख्या विधानसभा की आधी से अधिक है, जो एनडीए की स्थिति को मजबूत दर्शाती है। दांव लगाने वाले यह भी मानते हैं कि नीतीश कुमार की कुर्सी सुरक्षित है।
महागठबंधन की कमजोर स्थिति
इस बीच, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। फालोदी में लगने वाले दांव बताते हैं कि इस गठबंधन को केवल 93 से 96 सीटें मिल सकती हैं। इसका अर्थ है कि महागठबंधन को अपेक्षा से कम ताकत मिलेगी। इसका मुख्य कारण यह है कि जनता में उनकी पकड़ कमजोर हो गई है और लोग स्थिर सरकार की चाहत रखते हैं। यही वजह है कि सट्टा बाजार में महागठबंधन के प्रति निराशा दिखाई दे रही है।
चुनाव की तारीखों का प्रभाव
चुनाव की तिथियां 6 और 11 नवंबर निर्धारित की गई हैं। जैसे-जैसे ये दिन नजदीक आ रहे हैं, नेताओं की रैलियों और प्रचार में तेजी आ रही है। सड़कों पर भीड़, नारेबाजी और हर कोई अपनी ताकत दिखाने में जुटा है। इस जोश का असर फालोदी के दांव पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। वहां हर सीट पर गिनती और जोड़-घटाव हो रहे हैं, जैसे असली नतीजे सामने आ रहे हों।
उम्मीदवारों पर चुप्पी
सट्टा बाजार की एक दिलचस्प बात यह है कि अभी तक किसी उम्मीदवार की जीत या हार पर अलग से दांव नहीं लगाया जा रहा है। फिलहाल पूरा ध्यान केवल गठबंधन पर केंद्रित है। बुकियों का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी। तभी यह तय होगा कि कौन से उम्मीदवार बाजी मार सकते हैं और किसे हार का सामना करना पड़ेगा।
चुनावी जोश में डूबा बाजार
फालोदी केवल राजस्थान का एक छोटा शहर नहीं है, बल्कि इसे पूरे देश का सबसे बड़ा सट्टा केंद्र माना जाता है। यहां हर चुनाव में ऐसी हलचल होती है। लोग लाखों-करोड़ों के दांव लगाते हैं और जीत-हार का अनुमान लगाते हैं। इस बार भी बिहार चुनाव ने इस स्थान को चर्चा में ला दिया है। दुकानों से लेकर गलियों तक हर जगह यही चर्चा हो रही है कि एनडीए आगे है और महागठबंधन पीछे।
असली नतीजों का इंतज़ार
हालांकि सट्टा बाजार की भविष्यवाणियां सही हो सकती हैं, लेकिन यह हमेशा सुनिश्चित नहीं होती। बिहार के मतदाता अंतिम निर्णय लेंगे, और यह मतदान केंद्र पर होगा। इसलिए अभी सब कुछ पूरी तरह से निश्चित कहना मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि फालोदी का माहौल जनता की नब्ज़ को जरूर दर्शा रहा है। लोग अब यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या सट्टा बाजार की भविष्यवाणी इस बार भी सही साबित होगी?
