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बिहार चुनाव में आरजेडी-कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद गहरा गया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक से उठकर जाने का निर्णय लिया, जिससे महागठबंधन की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस 61 सीटों की मांग कर रही है, जबकि आरजेडी कुछ खास सीटें देने को तैयार नहीं है। तेजस्वी यादव को वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की नीयत पर भी संदेह है। जानें इस राजनीतिक खींचतान के पीछे की पूरी कहानी।
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बिहार चुनाव में आरजेडी-कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर विवाद

आरजेडी और कांग्रेस के बीच खींचतान

आरजेडी-कांग्रेस विवाद: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान अब स्पष्ट रूप से सामने आ गई है। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक से अचानक उठकर चले गए। उन्होंने कहा कि 'ऐसे हालात में गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता।' तेजस्वी बिना राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात किए पटना लौट गए।


सीटों पर मतभेद

सूत्रों के अनुसार, बैठक में तेजस्वी ने कांग्रेस को अपने प्रस्ताव पर अड़े रहने की बात कही, जबकि कांग्रेस ने बिहार में महत्वपूर्ण सीटों पर अपना दावा बनाए रखा है। राहुल गांधी ने पहले ही बिहार कांग्रेस के नेताओं को निर्देश दिया था कि वे ऐसी सीटें न छोड़ें जहां पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है।


पटना में लालू यादव ने बिना किसी फॉर्मूले के आरजेडी का चुनाव सिंबल बांटना शुरू कर दिया था, लेकिन तेजस्वी के आने पर जिनको सिंबल दिए गए थे, उनसे वापस ले लिए गए। कांग्रेस 61 सीटों की मांग कर रही है, जबकि आरजेडी कुछ खास सीटें देने को तैयार नहीं है। जिन सीटों पर विवाद है, उनमें कहलगांव, नरकटियागंज, वारिसलीगंज, चैनपुर और बछवाड़ा शामिल हैं। कहलगांव को कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, जबकि अन्य सीटों पर सामाजिक समीकरणों को लेकर मतभेद जारी हैं।


तेजस्वी की सहनी पर शंका

तेजस्वी यादव विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी से भी नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी को सहनी की नीयत पर संदेह है और उन्हें आरजेडी की 10 सीटों पर सिंबल दिए जाने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसी खबरें हैं कि सहनी बीजेपी से संपर्क में हैं, हालांकि महागठबंधन के नेताओं ने इस दावे को खारिज किया है।


कांग्रेस ने वीआईपी पर तेजस्वी को निर्णय लेने दिया

कांग्रेस ने बैठक में वीआईपी के संबंध में निर्णय तेजस्वी पर छोड़ दिया और कहा कि जो भी निर्णय आरजेडी लेगी, कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। दिलचस्प बात यह है कि सहनी भी दिल्ली आए थे लेकिन राहुल गांधी या खड़गे से मिले बिना ही पटना लौट गए। राहुल गांधी ने 10 जनपथ में बिहार कांग्रेस नेताओं से बैठक में कहा था कि सीटें भले 60 या 65 हों, लेकिन पार्टी को अपनी मजबूत सीटों से समझौता नहीं करना चाहिए। वहीं, खड़गे ने बिहार कांग्रेस को सलाह दी कि तेजस्वी से संवाद बनाए रखें और 14 अक्टूबर तक सीट बंटवारे पर सहमति बना लें। कांग्रेस ने प्लान बी भी तैयार कर लिया है, ताकि अगर आरजेडी से सहमति न बने तो पार्टी अपने दम पर चुनाव रणनीति तय कर सके।