Newzfatafatlogo

बिहार चुनाव में एनडीए की सीट शेयरिंग: चिराग और कुशवाहा का टकराव

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार है, लेकिन चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के बीच बढ़ती टकराव ने स्थिति को जटिल बना दिया है। चिराग ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जबकि कुशवाहा ने अपनी सीटों को लेकर चेतावनी दी है। इस आक्रामकता के चलते एनडीए को चुनाव से पहले बड़ा नुकसान हो सकता है। क्या ये नेता अपनी नाराजगी को सुलझा पाएंगे? जानिए पूरी कहानी।
 | 
बिहार चुनाव में एनडीए की सीट शेयरिंग: चिराग और कुशवाहा का टकराव

एनडीए में सीट बंटवारे की स्थिति

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए (NDA) के भीतर सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तैयार है, लेकिन सहयोगी दलों के रुख ने गठबंधन की स्थिति को जटिल बना दिया है। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी ताकत दिखाकर एनडीए में हलचल मचा दी है। पहले सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन अब हालात में बदलाव आ गया है।


चिराग पासवान का बड़ा ऐलान

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बिहार की शाहाबाद रैली में घोषणा की कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने इसे 'नव संकल्प रैली' कहा, लेकिन इसके बाद जारी पोस्टरों में 'नव नेतृत्व' का उल्लेख होने से विवाद बढ़ गया है। विरोधी इसे नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल उठाने की रणनीति मान रहे हैं।


कुशवाहा की चेतावनी

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मुजफ्फरपुर में रैली के दौरान स्पष्ट किया कि यदि उनकी सीटें कम करने की कोशिश की गई, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के बीच ताकत दिखाते हुए एनडीए नेतृत्व को स्पष्ट संदेश दिया कि वे केवल दर्शक नहीं रहेंगे।


पप्पू यादव का हमला

जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने चिराग पासवान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे 'मोदी जी के हनुमान' हैं और असली निर्णय बीजेपी ही लेगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या चिराग किसी और के इशारे पर काम कर रहे हैं?


प्रशांत किशोर की टिप्पणी

जन सुराज के प्रशांत किशोर ने भी चिराग पर तंज करते हुए कहा कि बीजेपी में निर्णय केवल मोदी और शाह लेते हैं, बाकी नेताओं की कोई अहमियत नहीं। उन्होंने चिराग से यह भी पूछा कि क्या उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है?


सीट शेयरिंग की चुनौती

एनडीए में सीट बंटवारे का मुद्दा अब बेहद जटिल हो गया है। हालांकि फॉर्मूला लगभग तैयार है, लेकिन चिराग और कुशवाहा की आक्रामकता के कारण इसका ऐलान फिलहाल मुश्किल प्रतीत होता है। यदि इन दोनों नेताओं की नाराजगी को समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो चुनाव से पहले एनडीए को बड़ा नुकसान हो सकता है।