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बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार: क्या है पार्टी के भीतर असंतोष का कारण?

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार ने पार्टी के भीतर असंतोष की लहर पैदा कर दी है। वरिष्ठ नेताओं ने हार के कारणों पर सवाल उठाते हुए संगठन की कमजोरी, टिकट वितरण में गड़बड़ी और जमीनी हालात की अनदेखी की बात की है। शशि थरूर और कृपानाथ पाठक जैसे नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर पार्टी ने अपनी रणनीति में सुधार नहीं किया, तो भविष्य में और भी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। इस हार ने कांग्रेस के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत प्रस्तुत किया है।
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बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार: क्या है पार्टी के भीतर असंतोष का कारण?

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की निराशाजनक स्थिति


नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के सामने महागठबंधन टिक नहीं सका। कांग्रेस, जो देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी मानी जाती है, ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 6 सीटों पर ही विजय प्राप्त की। इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा, जिसके चलते पार्टी के भीतर असंतोष की लहर उठने लगी है। कई वरिष्ठ नेता, पूर्व नेता और कार्यकर्ता हार के कारणों पर सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टी का संगठन कमजोर है, टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई है, बूथ स्तर पर नेटवर्क कमजोर है और शीर्ष नेतृत्व से दूरी बनी हुई है।


कांग्रेस नेता कृपानाथ पाठक की चिंताएं

पटना में कांग्रेस नेता कृपानाथ पाठक ने कहा कि जमीनी हालात की सही जानकारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक नहीं पहुंचाई गई। उनके अनुसार, यही सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नेतृत्व अब भी जागरूक नहीं हुआ, तो भविष्य में पार्टी को और भी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है।


शशि थरूर की निराशा

केरल से सांसद शशि थरूर ने हार पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आत्ममंथन के साथ-साथ अपनी रणनीति और संगठन की वैज्ञानिक समीक्षा करनी चाहिए। थरूर ने यह भी बताया कि उन्हें बिहार में प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया, जिससे उन्हें वहां की स्थिति का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं हो सका।


मणिशंकर अय्यर का व्यंग्य

पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने व्यंग्य करते हुए कहा कि शायद पार्टी ने उन्हें उस लायक नहीं समझा। वहीं, वरिष्ठ नेता निखिल कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि हार का मुख्य कारण संगठन की कमजोरी है। उनका मानना है कि एक मजबूत संगठन चुनाव जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


फ्रेंडली फाइट का असर

कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार और एनडीए को जीत की बधाई दी और कहा कि पार्टी को अपनी हार की गंभीर समीक्षा करनी होगी। उन्होंने स्वीकार किया कि आरजेडी और कांग्रेस के बीच की 'फ्रेंडली फाइट' ने नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस नेता मुमताज़ पटेल ने नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अब बहाने नहीं चलेंगे और न ही दोषारोपण होगा। उनके अनुसार, पार्टी बार-बार चुनाव हार रही है क्योंकि सत्ता कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में सिमट गई है, जो जमीनी वास्तविकताओं से पूरी तरह अनजान हैं।


टिकट वितरण में गड़बड़ी

हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने टिकट वितरण में गड़बड़ी की ओर इशारा किया और कहा कि यदि इसमें कोई अनियमितता हुई है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने AIMIM के कांग्रेस से अधिक सीटों पर बढ़त बनाने को हैरान करने वाला बताया, खासकर इसलिए क्योंकि सीमांचल की कई सीटें पहले कांग्रेस के पास थीं। कुल मिलाकर, बिहार चुनाव परिणाम ने कांग्रेस के भीतर गहरी बेचैनी पैदा कर दी है। पार्टी के भीतर अब खुली आलोचना बढ़ रही है और नेतृत्व पर सीधे सवाल उठने लगे हैं। यह नतीजा कांग्रेस के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत माना जा रहा है।