Newzfatafatlogo

बिहार चुनाव में महागठबंधन की सीट बंटवारे की जटिलताएँ: क्या एनडीए को मिलेगा लाभ?

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राजद ने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें कई सीटों पर कांग्रेस और भाकपा के साथ सीधा मुकाबला होगा। महुआ सीट पर तेज प्रताप यादव के खिलाफ मुकेश रौशन की चुनौती भी महत्वपूर्ण है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महागठबंधन के आंतरिक संघर्ष का लाभ एनडीए को मिल सकता है। क्या महागठबंधन इस चुनाव में सफल हो पाएगा? जानिए पूरी कहानी में।
 | 
बिहार चुनाव में महागठबंधन की सीट बंटवारे की जटिलताएँ: क्या एनडीए को मिलेगा लाभ?

महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति


महागठबंधन: बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिससे कुछ तस्वीरें साफ हुईं। राजद और कांग्रेस के बीच छह सीटों पर सीधा मुकाबला होगा, जबकि भाकपा और कांग्रेस के बीच चार सीटों पर टकराव की संभावना है। इसके अलावा, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और राजद के बीच दो सीटों (चैनपुर और बाबूबरही) पर भी मुकाबला होगा.


सीट बंटवारे पर असमंजस की स्थिति

राजद द्वारा जारी की गई सूची में छह सीटें शामिल हैं, जहां कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ये सीटें वैशाली, सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, नरकटियागंज और वारसलीगंज हैं। इस बीच, वामदलों और कांग्रेस के बीच भी कुछ सीटों पर सीधा मुकाबला बन रहा है, जिनमें बछवाड़ा, राजापाकर, बिहारशरीफ और करगहर प्रमुख हैं। सभी सीटों पर नामांकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है, जिससे स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.


महुआ सीट पर परिवारिक विवाद

महुआ सीट राजद के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि यहाँ पर राजद ने लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ मुकेश रौशन को उतारा है। तेज प्रताप को इस साल की शुरुआत में पार्टी से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी, जनशक्ति जनता दल, बना ली थी। इस पारिवारिक विवाद के चलते यह सीट महागठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि यह चुनाव बिहार की राजनीति में तनाव को और बढ़ा सकता है.


एनडीए को संभावित लाभ

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के भीतर चल रहे असमंजस और आंतरिक संघर्ष का लाभ भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और अन्य एनडीए सहयोगियों को मिल सकता है। चिराग पासवान, जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख हैं, ने सोमवार को कहा कि महागठबंधन में टूट की स्थिति एनडीए को कई सीटों पर मजबूती दे सकती है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सीटों के चयन को लेकर विवाद हो सकता है, और अब तक वे सीटों की संख्या भी तय नहीं कर पाए हैं.


चुनाव में महागठबंधन की चुनौतियाँ

चिराग पासवान ने कहा, "मैंने कभी ऐसा चुनाव नहीं देखा, जहां इतना बड़ा गठबंधन टूटने की कगार पर हो।" उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन ने एनडीए को कई "चुनौतीपूर्ण सीटों" पर मात दी है, लेकिन सीटों के बंटवारे में विवाद इस बात को दर्शाता है कि विपक्षी दलों के बीच एकता की कमी है.


महागठबंधन के लिए चुनाव की कठिनाई

पासवान ने कहा, "दोस्ताना लड़ाई जैसी कोई चीज नहीं होती। या तो आप दोस्त हैं या फिर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। अगर आप एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और नेताओं को निशाना बना रहे हैं, तो आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि इसका असर दूसरी सीटों पर नहीं पड़ेगा?" यह बयान महागठबंधन के लिए एक गंभीर चेतावनी हो सकता है, क्योंकि इस तरह के आंतरिक विवाद से विपक्षी वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे भाजपा को लाभ हो सकता है.