बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार पर पप्पू यादव की प्रतिक्रिया
महागठबंधन की हार का विश्लेषण
बिहार चुनाव के परिणामों में महागठबंधन को अपेक्षाकृत कम सीटें मिली हैं। इस हार की समीक्षा के लिए गठबंधन में शामिल दलों के बीच चर्चा चल रही है। कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने महागठबंधन की हार का कारण एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) को बताया है।
पप्पू यादव ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, "बिहार चुनाव में हम हार नहीं गए, बल्कि हराए गए हैं। एनडीए गठबंधन ने 128 सीटों पर जीत हासिल की, क्योंकि महागठबंधन के वोटों को एसआईआर के माध्यम से काटा गया और बाद में भाजपा के वोटों में लगभग 21 लाख जोड़े गए। 27 से 11,000 तक के मार्जिन में एनडीए ने 128 सीटें जीती हैं। जो वोट काटे गए, वे अल्पसंख्यक, यादव और एससी-एसटी के थे। 6 तारीख को सभी के खातों में पैसे गए। इसलिए मेरा कहना है कि हम हार नहीं गए, बल्कि हराए गए हैं।
रोहिणी आचार्य के मामले पर पप्पू यादव ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "इस घटना से सभी का भावनात्मक जुड़ाव है। बिहार में महिलाओं के नाम पर वोटों की चोरी की गई। दूसरी ओर, हमारी कमियों के पीछे कौन है, यह समझना आवश्यक है। रोहिणी आचार्य ने जिन लोगों का नाम लिया, वही बातें तेज प्रताप भी कह रहे हैं। बिहार में राजद के कार्यकर्ता हों या 'इंडिया' ब्लॉक के अन्य दलों के कार्यकर्ता, सभी ने बताया कि पार्टी में ऐसे लोग हैं जो विभीषण और जयचंद का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "महिलाओं के खिलाफ ऐसे आरोप बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। पार्टी को इस स्थिति में लाने, सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और परिवार को तोड़ने में शामिल लोगों को माफ नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर करना चाहिए। मैं चाहूंगा कि लालू यादव आगे आएं। मैं लालू यादव के बेटे की तरह हूं और हमेशा उनके सम्मान के साथ खड़ा रहूंगा।
कांग्रेस नेता ने कहा, "यह मुद्दा सिर्फ लालू यादव और उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए गंभीर है। मैं अकेला नहीं, बल्कि पूरे बिहार के कार्यकर्ता और राजद के लोग लालू परिवार को एकजुट देखना चाहते हैं। तेजस्वी यादव से मैं कहूंगा कि यह हार गरीब जनता की हुई है। मैं इसका आरोप केवल आप पर नहीं लगा सकता। मुझे पता है कि यह हार किसी साजिशकर्ता के कारण हुई है, लेकिन कहीं न कहीं हम भी दोषी हैं, चाहे कांग्रेस में कुछ लोग हों या राजद में जयचंद और मानसिंह जैसे लोग। उन सभी को नहीं बख्शा जाना चाहिए। मैं रोहिणी से अनुरोध करूंगा कि परिवार का रिश्ता कभी नहीं टूटता। वे बड़ी हैं और उन्हें माफ करना चाहिए।
