बिहार चुनाव में मोकामा हिंसा: तेजस्वी यादव ने उठाए गंभीर सवाल
 
                           
                        मोकामा में चुनावी हिंसा का मामला
मोकामा: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा में हुई हिंसा और जन सुराज कार्यकर्ता की हत्या ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना पर चुनाव आयोग और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है, लेकिन मोकामा में जिस तरह से हथियारबंद लोग घूम रहे हैं, वह प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। तेजस्वी ने कहा कि जब 40 गाड़ियों का काफिला हथियारों से लैस होकर निकलता है, तो यह सवाल उठता है कि चुनाव आयोग और प्रशासन क्या कर रहे हैं।
अनंत सिंह पर निशाना
तेजस्वी ने बिना नाम लिए अनंत सिंह पर साधा निशाना
तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए जदयू के प्रत्याशी और बाहुबली अनंत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग जंगलराज का आरोप लगाते हैं, वही अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अपनी कुर्सी बचाने के लिए गुंडों को पनाह दे रहे हैं, जबकि आम जनता भय के माहौल में जीने को मजबूर है। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करे ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके।
मोकामा में गोलीबारी की घटना
मोकामा में गोलीबारी और दुलारचंद यादव की हत्या
यह घटना गुरुवार दोपहर की है जब प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ खुशहालचक इलाके में प्रचार कर रहे थे। इसी दौरान जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह का काफिला वहां से गुजर रहा था। दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच पहले गाली-गलौज हुई, फिर ईंट-पत्थर चले और अंततः गोलीबारी भी हुई। इस झड़प में जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की मौत हो गई। बताया जाता है कि दुलारचंद कभी आरजेडी के करीबी रहे थे और इलाके में बाहुबली छवि रखते थे।
पुलिस कार्रवाई और राजनीतिक तूफान
अनंत सिंह समेत पांच के खिलाफ मामला दर्ज
घटना के बाद मोकामा में राजनीतिक तूफान मच गया। पुलिस ने पूर्व विधायक और जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह, उनके दो भतीजों रणवीर और कर्मवीर समेत पांच लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि अनंत सिंह के समर्थकों ने पहले दुलारचंद पर गोली चलाई और फिर गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या कर दी। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहा है।
चुनावी माहौल में तनाव
चुनावी माहौल में बढ़ी तनाव की लकीरें
मोकामा कांड ने बिहार की सियासत में एक बार फिर अपराध और राजनीति के रिश्ते को उजागर कर दिया है। चुनाव के दौरान ऐसी घटनाएं न केवल जनता में भय का माहौल पैदा करती हैं, बल्कि चुनावी निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा करती हैं। तेजस्वी यादव का कहना है कि अगर ऐसे लोगों को संरक्षण मिलता रहा, तो बिहार एक बार फिर हिंसा और अराजकता के दौर में लौट सकता है।
