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बिहार चुनाव में विपक्ष की हार: कांग्रेस और राजद का प्रदर्शन निराशाजनक

बिहार चुनाव में कांग्रेस और राजद का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, जहां राजद ने 26 और कांग्रेस ने केवल 6 सीटें जीतीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया, जबकि राहुल गांधी की नई रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। जानें इस गठबंधन का उद्देश्य और आगे की योजना क्या है।
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बिहार चुनाव में विपक्ष की हार: कांग्रेस और राजद का प्रदर्शन निराशाजनक

बिहार में विपक्ष की स्थिति


नई दिल्ली: कांग्रेस के राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष ने बिहार में अपनी रणनीति को सफल मान लिया था। लेकिन परिणाम ने उन्हें निराश किया, क्योंकि राजद, जिसके तेजस्वी महागठबंधन के मुख्यमंत्री के चेहरे थे, ने केवल 26 सीटें जीतीं। वहीं, कांग्रेस ने महज 6 सीटों पर जीत हासिल की, जो कि बेहद निराशाजनक है।


प्रधानमंत्री मोदी का बयान

14 नवंबर को आए चुनाव परिणामों के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की जीत के भाषण में विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस एक परजीवी है जो अपने सहयोगियों को भी गिरा देती है।" इस बयान ने विपक्षी दलों के बीच सवाल उठाए हैं कि क्या वे इस पर विश्वास करेंगे।


कांग्रेस की नई रणनीति

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अब अपने चुनावी अभियान में अकेले लड़ने की योजना बना रही है। क्या राहुल गांधी अपनी मां के साथ चलने के नारे से हटकर, 2004 के अपने पुराने नारे 'एकला चलो रे' पर लौटेंगे?


भारत का गठन और उद्देश्य

भारत का गठन क्यों हुआ?


INDIA या भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन, विभिन्न विपक्षी दलों का एक समूह है, जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और एनडीए को चुनौती देने के लिए बनाया गया था। इसमें प्रमुख दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, समाजवादी पार्टी, और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं।


आपातकाल के बाद की राजनीति से प्रेरित होकर, इस गठबंधन का उद्देश्य चुनावी संभावनाओं को बेहतर बनाना और भाजपा-विरोधी वोटों के बंटवारे को रोकना था।


भारत ब्लॉक की सीटें

भारत ब्लॉक ने 543 में से 234 सीटें जीतीं


भारत ब्लॉक ने 543 में से 234 सीटें जीतीं, लेकिन बहुमत से चूक गया। हालांकि, इसने भाजपा को उसके अनुमानित लक्ष्य से काफी कम, 240 सीटों तक सीमित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


कांग्रेस, जो 99 सीटों के साथ गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाया। मीडिया में भी उनकी सराहना की गई और संसद में उनका नया आत्मविश्वास देखने को मिला।