बिहार चुनाव में शांभवी चौधरी का मतदान विवाद: प्रशासन ने दी सफाई
शांभवी चौधरी का वायरल वीडियो और विवाद
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की नेता शांभवी चौधरी एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा का विषय बन गई हैं। इस वीडियो में उनके हाथों की उंगलियों पर वोटिंग की स्याही के निशान दिखाई दे रहे हैं, जिसके चलते विपक्षी दलों ने उन पर दो बार मतदान करने का आरोप लगाया है। आरजेडी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, पटना जिला प्रशासन ने इस विवाद पर स्पष्ट किया है कि शांभवी चौधरी ने केवल एक बार मतदान किया है।
वीडियो के वायरल होने के बाद का घटनाक्रम
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मतदान के बाद शांभवी चौधरी अपने पिता, जेडीयू नेता अशोक चौधरी, और मां नीता चौधरी के साथ मीडिया के सामने पोज दे रही थीं। इस दौरान उनके हाथों पर स्याही के निशान देखे गए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और विपक्ष ने इसे चुनावी धोखाधड़ी करार दिया। आरजेडी प्रवक्ता कंचना यादव ने वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह चुनावी गड़बड़ी का मामला है और चुनाव आयोग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
शांभवी चौधरी का स्पष्टीकरण
शांभवी चौधरी ने क्या सफाई में कहा?
विवाद बढ़ने के बाद शांभवी चौधरी ने खुद सामने आकर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय भूल थी। उनके अनुसार, 'मतदान अधिकारी ने गलती से दाहिने हाथ पर स्याही लगा दी थी। बाद में पीठासीन अधिकारी ने बताया कि स्याही बाएं हाथ पर लगाई जानी चाहिए, इसलिए वहां भी स्याही लगाई गई। लेकिन मैंने केवल एक बार ही वोट डाला है।' उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को राजनीतिक रंग देना गलत है।
पटना प्रशासन का आधिकारिक बयान
डीएम ने क्या कहा?
पटना जिला प्रशासन ने भी इस विवाद पर आधिकारिक बयान जारी किया। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, यह घटना 182-बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 61, सेंट पॉल्स प्राइमरी स्कूल (बुद्धा कॉलोनी) की है। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मतदान कर्मी से गलती हुई थी, जिसने पहले दाहिने हाथ पर स्याही लगाई और फिर नियम के अनुसार बाएं हाथ पर भी लगाई। बयान में कहा गया कि सांसद शांभवी चौधरी का नाम मतदाता सूची में क्रमांक 275 पर दर्ज है और उन्होंने केवल एक बार ही मतदान किया।
मतदान कर्मी को चेतावनी
मतदान कर्मी को क्या चेतावनी दी गई?
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यह एक तकनीकी गलती थी, जिसका गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। प्रशासन ने यह भी बताया कि संबंधित मतदान कर्मी को चेतावनी दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो।
