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बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार की लोक लुभावन घोषणाएं

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई लोक लुभावन घोषणाएं की हैं, जो उनकी राजनीतिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव दर्शाती हैं। पिछले 20 वर्षों से सत्ता में रहने वाले नीतीश अब मुफ्त योजनाओं के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इस लेख में जानें कि ये घोषणाएं क्या हैं और उनका चुनावी परिणाम पर क्या असर हो सकता है।
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बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार की लोक लुभावन घोषणाएं

नीतीश कुमार की नई रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने कई अप्रत्याशित लोक लुभावन घोषणाएं की हैं। पिछले 20 वर्षों से सत्ता में रहने वाले नीतीश ने पहले कभी इस तरह की राजनीति नहीं की। वे हमेशा से मुफ्त की चीजों के खिलाफ रहे हैं और एनडीए की बैठकों में ऐसी घोषणाओं पर आपत्ति जताते थे। जब भी चुनाव का समय आता था, वे अपने काम का जिक्र करते थे और वोट मांगते थे। उनके नेतृत्व में भाजपा को सत्ता मिली और राजद को भी एक नया जीवन मिला।


अब नीतीश कुमार हर दिन नई योजनाओं की घोषणा कर रहे हैं। उनकी सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत हर परिवार की एक महिला को 10,000 रुपये देने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत 2.78 करोड़ परिवारों की महिलाओं को यह राशि मिलेगी, जो वापस नहीं करनी होगी। यह सीधे सरकारी खजाने से 27,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा।


नीतीश कुमार ने पहले महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं, जैसे कि स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण। अब वे चुनाव जीतने के लिए सरकारी खजाने का उपयोग कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या उन्हें चुनाव में हार का डर है? क्या उनकी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता है? प्रशांत किशोर का बदलाव का एजेंडा भी सत्तापक्ष के लिए चुनौती बन रहा है।


बिहार में चुनावी माहौल 2018 के मध्य प्रदेश चुनावों से मिलता-जुलता है, जहां भाजपा की सत्ता 15 साल पुरानी थी। उस समय भी लोगों में नाराजगी थी, लेकिन ऐसा आक्रोश नहीं था कि सत्ता बदलने की आवश्यकता महसूस हो। नीतीश कुमार की सरकार ने अब लोक लुभावन घोषणाओं के जरिए मतदाताओं की नाराजगी को कम करने की कोशिश की है।