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बिहार में अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को भेजा 100 करोड़ का मानहानि नोटिस, राजनीतिक विवाद बढ़ा

बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। यह कार्रवाई किशोर द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के जवाब में की गई है। चौधरी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और अपनी बेटी पर लगे बेनामी संपत्ति के आरोपों को भी खारिज किया। प्रशांत किशोर ने चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या अन्य एनडीए नेता भी इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे। इस विवाद का आगामी चुनावों पर भी असर पड़ सकता है।
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बिहार में अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को भेजा 100 करोड़ का मानहानि नोटिस, राजनीतिक विवाद बढ़ा

अशोक चौधरी का मानहानि नोटिस

Ashok Choudhary defamation notice : बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक चौधरी ने मंगलवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है. यह कदम किशोर द्वारा लगाए गए 200 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार और भूमि घोटाले के आरोपों के जवाब में उठाया गया है. इस मामले में अदालत ने प्रशांत किशोर को 17 अक्टूबर को पेश होने का समन जारी किया है.


आरोपों का खंडन

“आरोप बेबुनियाद और भ्रामक हैं”
अशोक चौधरी ने एक प्रेस बयान में कहा कि प्रशांत किशोर के आरोप तथ्यहीन और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं. उन्होंने अपनी बेटी और समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी पर लगाए गए बेनामी संपत्ति के आरोपों को भी खारिज किया. चौधरी ने स्पष्ट किया कि जिस संपत्ति का जिक्र किया जा रहा है, वह 21 फरवरी 2021 को शांभवी ने अपनी वैध कमाई से खरीदी थी और यह संपत्ति उनके चुनावी हलफनामे में भी दर्ज है. इसलिए बेनामी का आरोप पूरी तरह से निराधार है.


प्रशांत किशोर के आरोप

"मुख्यमंत्री के दाहिने हाथ हैं चौधरी"... प्रशांत किशोर 
प्रशांत किशोर ने एक जनसभा में अशोक चौधरी को "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे करीबी" बताया और आरोप लगाया कि उन्होंने व्यक्तिगत सचिव योगेंद्र दत्त के नाम से वर्ष 2019 में 23 कट्ठा जमीन खरीदी, जिसे बाद में 2021 में 34 लाख रुपये में शांभवी के नाम ट्रांसफर कर दिया गया. किशोर का दावा है कि लेन-देन में केवल 10 लाख रुपये बैंक ट्रांसफर हुए, और इनकम टैक्स नोटिस के डर से बाकी 25 लाख रुपये बाद में ट्रांसफर किए गए. उन्होंने इसे "बेनामी ट्रांजैक्शन" करार दिया.


अन्य नेताओं पर भी आरोप

अन्य NDA नेताओं पर भी लगे आरोप
प्रशांत किशोर ने केवल अशोक चौधरी ही नहीं, बल्कि एनडीए के तीन अन्य नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इनमें शामिल हैं, मंगल पांडेय, संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी. इन नेताओं ने इन आरोपों को "राजनीतिक ड्रामा" बताया और कहा कि किशोर "झूठे दावे और भ्रम फैलाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं." हालांकि, बाकी दो नेताओं की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.


राजनीतिक तापमान में वृद्धि

राजनीतिक तापमान चढ़ा, अगला कदम क्या होगा?
अशोक चौधरी की ओर से कानूनी कार्रवाई शुरू करने के बाद अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि क्या मंगल पांडेय, संजय जायसवाल और सम्राट चौधरी भी प्रशांत किशोर के खिलाफ मुकदमा या कानूनी कार्रवाई करेंगे. वहीं, प्रशांत किशोर इस पूरे प्रकरण को अपने "जन सुराज अभियान" की सफलता से जोड़कर राजनीतिक लड़ाई की तरह पेश कर रहे हैं.


चुनावों पर प्रभाव

यह मामला न केवल बिहार की राजनीति में गर्मी ला रहा है, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों पर भी असर डाल सकता है. कोर्ट में प्रशांत किशोर की पेशी और बाकी नेताओं की प्रतिक्रिया आने वाले हफ्तों में बड़ा मोड़ ला सकती है.