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बिहार में एनडीए के समीकरणों में नया मोड़: चिराग पासवान की चुनावी संभावनाएं

बिहार में एनडीए का गठबंधन कई जटिलताओं का सामना कर रहा है, जिसमें चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव में उतरने की संभावनाएँ शामिल हैं। जेडीयू को इस पर आपत्ति है कि चिराग, जो केंद्र में मंत्री हैं, राज्य की राजनीति में क्यों शामिल होना चाहते हैं। यह कदम सहयोगी दलों के बीच अविश्वास पैदा कर सकता है। जेडीयू को चिंता है कि इससे सीट बंटवारे में अधिक हिस्सेदारी के लिए दबाव बन सकता है। चिराग की चुप्पी और उनकी राजनीतिक गतिविधियाँ यह संकेत देती हैं कि वे बिहार में सक्रिय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं।
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बिहार में एनडीए के समीकरणों में नया मोड़: चिराग पासवान की चुनावी संभावनाएं

बिहार में एनडीए की चुनौतियाँ

बिहार न्यूज. बिहार में एनडीए का गठबंधन पहले से ही कई जटिलताओं का सामना कर रहा है। अब चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव में उतरने की संभावनाओं ने स्थिति को और दिलचस्प बना दिया है। जेडीयू को इस पर आपत्ति है कि चिराग, जो केंद्र में मंत्री हैं, राज्य की राजनीति में क्यों शामिल होना चाहते हैं। जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि यदि चिराग चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा, न कि एनडीए का सामूहिक निर्णय। इससे सहयोगी दलों के बीच अविश्वास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।


क्या चिराग का कदम सीट बंटवारे के लिए दबाव है?

सीट शेयरिंग के लिए दबाव या मुख्यमंत्री पद की तैयारी?

जेडीयू को यह चिंता है कि चिराग का चुनावी कदम सीटों के बंटवारे में अधिक हिस्सेदारी के लिए दबाव बनाने का एक तरीका हो सकता है। यदि वे खुद उम्मीदवार बनते हैं, तो यह एलजेपी (रामविलास) के लिए अधिक सीटें मांगने का नैतिक आधार प्रदान करेगा। लेकिन जेडीयू को यह भी डर है कि इससे गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर भ्रम उत्पन्न हो सकता है। एनडीए पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।


नीतीश के लिए नई चुनौतियाँ

नीतीश कैंप में बेचैनी, विरोधियों को मिला मौका

नीतीश की पार्टी इस घटनाक्रम को लेकर सतर्क है। उन्हें आशंका है कि चिराग के चुनावी मैदान में उतरने से भाजपा और एलजेपी के बीच एक नया शक्ति केंद्र बन सकता है, जो जेडीयू के लिए भविष्य में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा, विपक्षी दलों को यह कहने का अवसर भी मिल गया है कि एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर स्पष्ट सहमति नहीं है, जो जनमानस पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


चिराग की चुप्पी और जेडीयू की रणनीति

चिराग पासवान की चुप्पी और JDU की सियासी गणना

चिराग पासवान की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन उनकी हालिया राजनीतिक गतिविधियाँ यह संकेत देती हैं कि वे बिहार में सक्रिय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में जेडीयू यह भी विचार कर रही है कि क्या चिराग एलजेपी को भाजपा के करीब लाकर एनडीए में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं?