बिहार में कैबिनेट बैठक में मंत्रियों के बीच बढ़ती गुटबाजी

बिहार की कैबिनेट में बढ़ती असहमति
बिहार में एक समय ऐसा था जब कैबिनेट की बैठक में या उसके बाहर किसी मंत्री को किसी मुद्दे पर बोलने की हिम्मत नहीं होती थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में कोई भी मंत्री, चाहे वह भाजपा, राजद या जनता दल यू का हो, बिना उनकी अनुमति के कुछ नहीं कह सकता था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनके मंत्री आपस में लड़ने लगे हैं, और कभी-कभी तो मारपीट की स्थिति भी बन जाती है। पार्टी के भीतर गुटबाजी इतनी बढ़ गई है कि नेता और मंत्री एक-दूसरे के खिलाफ हिसाब-किताब करने में लगे हैं। नीतीश कुमार इस स्थिति में इतने असहाय नजर आ रहे हैं कि वह कुछ नहीं कह पा रहे हैं। कैबिनेट की बैठकों में उनके दो मंत्रियों के बीच झगड़ा इसका एक उदाहरण है। हाल ही में भाजपा के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा और नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी के बीच एक बार फिर से विवाद हुआ।
विवाद का कारण
यह विवाद एक कॉलेज के लिए कृषि विभाग की जमीन आवंटित करने से शुरू हुआ। अशोक चौधरी ने उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा से कहा कि नियमों के अनुसार, जमीन के बदले कहीं और जमीन देनी होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री से कोई निर्देश होगा, तो वह अलग बात है। इसके बाद दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि विजय सिन्हा ने अशोक चौधरी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने बीच-बचाव किया, वरना स्थिति और बिगड़ सकती थी। सूत्रों के अनुसार, अशोक चौधरी इस समय विजय सिन्हा के खिलाफ ललन सिंह की लड़ाई लड़ रहे हैं। अपने दामाद के लिए विधानसभा की टिकट की चाह रखने वाले अशोक चौधरी सार्वजनिक मंच पर ललन सिंह के पैर छू रहे हैं। वहीं, ललन सिंह और विजय सिन्हा के बीच विवाद भी जगजाहिर है। इस स्थिति में ऐसा प्रतीत होता है कि ललन सिंह ने अपनी लड़ाई अशोक चौधरी को सौंप दी है। टिकट वितरण के समय यह विवाद और भी बढ़ सकता है।