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बिहार में नई कैबिनेट गठन: 50-50 फॉर्मूला पर होगी चर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद, नई कैबिनेट गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा। इस बार जेडीयू और बीजेपी के बीच मंत्री पदों का बंटवारा 50-50 के फॉर्मूले पर होने की संभावना है। जानें इस बार के चुनाव परिणामों के आधार पर नई कैबिनेट में कितने मंत्री होंगे और क्या बदलाव आएंगे।
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बिहार में नई कैबिनेट गठन: 50-50 फॉर्मूला पर होगी चर्चा

बिहार चुनाव के बाद शपथ ग्रहण की तारीख

बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, पटना के गांधी मैदान में 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। एनडीए के नए मंत्रिमंडल के गठन पर विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। हालिया चुनाव परिणामों के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि जेडीयू और बीजेपी के बीच मंत्री पदों के बंटवारे का पुराना फॉर्मूला अब लागू नहीं होगा। जेडीयू के शीर्ष नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जबकि एनडीए के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के साथ चर्चा की।


2020 के चुनावों से भिन्न परिणाम

बिहार में इस बार के चुनाव परिणाम 2020 के चुनावों से भिन्न हैं, जिससे मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना है। 2020 में बीजेपी ने जेडीयू से अधिक सीटें जीती थीं, जिसके कारण बीजेपी का राजनीतिक प्रभाव जेडीयू से अधिक था। लेकिन इस बार दोनों दलों के बीच केवल चार सीटों का अंतर है, जिससे नई कैबिनेट के स्वरूप पर सवाल उठ रहे हैं।


मंत्रिमंडल में अधिकतम 37 मंत्री हो सकते हैं

बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और नियमों के अनुसार, विधानसभा के सदस्यों का 15 प्रतिशत मंत्री बनाया जा सकता है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 37 मंत्री हो सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार में कितने सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।


पुराने फॉर्मूले का अंत

2020 के चुनाव में बीजेपी ने 74 और जेडीयू ने 43 सीटें जीती थीं। उस समय, बीजेपी ने जेडीयू से अधिक मंत्री पद प्राप्त किए थे, जिसमें 12-22 का फॉर्मूला लागू था। लेकिन इस बार, सीटों के अंतर के कारण यह फॉर्मूला लागू नहीं होगा।


50-50 फॉर्मूला पर चर्चा

इस बार जेडीयू और बीजेपी ने समान संख्या में 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा है। एनडीए ने कुल 202 सीटें जीती हैं, जिसमें बीजेपी को 89 और जेडीयू को 85 सीटें मिली हैं। इस स्थिति में, मंत्री पदों का बंटवारा 50-50 के आधार पर होने की संभावना है। इस तरह, जेडीयू के 15 से 16 मंत्री और बीजेपी के भी 16 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा, चिराग पासवान की पार्टी को 2 से 3 मंत्री पद मिल सकते हैं।