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बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारी, नीतीश कुमार की अगुवाई में शपथ ग्रहण समारोह

बिहार की राजनीति एक बार फिर नई सत्ता संरचना की ओर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया है। एनडीए के प्रमुख घटक जेडी(यू) और बीजेपी मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की। अब, उपमुख्यमंत्री पद और कैबिनेट मंत्रियों की संख्या पर चर्चा चल रही है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
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बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारी, नीतीश कुमार की अगुवाई में शपथ ग्रहण समारोह

बिहार की राजनीति में नया मोड़

पटना: बिहार की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर नई सत्ता संरचना की ओर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सुबह 11 बजे गांधी मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया। इस बीच, एनडीए के प्रमुख घटक जेडी(यू) और बीजेपी मंत्रालयों के बंटवारे और विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर गहन चर्चा में लगे हुए हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है।


चुनौतियों का सामना

चुनाव में शानदार जीत के बाद, अब असली चुनौती सत्ता के हिस्सों का उचित बंटवारा है। दिल्ली और पटना में लगातार बैठकें हो रही हैं, जिसमें विभागों, स्पीकर पद और डिप्टी सीएम की संभावनाओं पर चर्चा की जा रही है। अमित शाह भी बुधवार शाम पटना पहुंचेंगे, जिससे दोनों दलों के बीच विभागीय खाका लगभग तय होने की उम्मीद है।


बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत

हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 202 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की। इसमें भाजपा को 89, जेडी(यू) को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटें मिलीं।


मैराथन बैठक का आयोजन

शपथ ग्रहण समारोह से पहले, जेडी(यू) और बीजेपी दोनों ने कैबिनेट में स्थान के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। मंगलवार को दिल्ली में शाह की अध्यक्षता में तीन घंटे तक चली बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जेडी(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (लल्लन) सिंह समेत दोनों दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।


विधायक दल की बैठक का समय

दोनों दलों की विधायक दल की बैठक बुधवार को होगी, जिसमें उपमुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की जाएगी। निवर्तमान सरकार में दो उपमुख्यमंत्री थे - सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जो दोनों ही चुनाव जीत गए हैं।


कैबिनेट मंत्रियों की संख्या

संवैधानिक रूप से, कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या विधानसभा की कुल क्षमता के 15% तक सीमित है। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं।


गृह मंत्रालय पर नजर

सूत्रों के अनुसार, भाजपा और जेडी(यू) दोनों की नजर गृह मंत्रालय पर है, जो पिछले कार्यकाल में जेडी(यू) के पास था। शिक्षा मंत्रालय भी विवाद का विषय बना हुआ है।


उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर चर्चा

केवल एक उपमुख्यमंत्री के मुद्दे पर पार्टी ने स्पष्टता नहीं दी है। इस पर पटना में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी, जिसमें प्रतिनिधित्व के मुद्दों को ध्यान में रखा जाएगा।


भाजपा में बड़े बदलाव

भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले, भाजपा ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। एनडीए के एक नेता ने बताया कि जेडीयू चाहती है कि यदि भाजपा विधानसभा अध्यक्ष का पद ले लेती है, तो केवल एक उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया जाए।