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बिहार में नीतीश कुमार का गृह विभाग का बदलाव: राजनीतिक संकेत और नई जिम्मेदारियाँ

बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंप दिया है। यह कदम केवल मंत्रालय के बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई राजनीतिक संकेत भी छिपे हुए हैं। इस निर्णय को बिहार की सत्ता समीकरण में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। जानें इस नए मंत्रिमंडल में किन-किन नेताओं को कौन से विभाग मिले हैं और इसके पीछे की राजनीतिक रणनीतियाँ क्या हैं।
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बिहार में नीतीश कुमार का गृह विभाग का बदलाव: राजनीतिक संकेत और नई जिम्मेदारियाँ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महत्वपूर्ण निर्णय

पटना: बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगभग 20 वर्षों के बाद गृह विभाग को उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी को सौंप दिया है। यह कदम केवल विभागों के बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई राजनीतिक संकेत भी छिपे हुए हैं.


नीतीश कुमार का ऐतिहासिक निर्णय

नीतीश कुमार ने पहले कभी गृह विभाग नहीं छोड़ा था, और इस निर्णय को बिहार की राजनीतिक समीकरण में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने अपने दसवें कार्यकाल की शपथ उस समय ली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई एनडीए-शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस समारोह में उपस्थित थे.


कितने मंत्रियों ने शपथ ली?

कुल मंत्रियों की संख्या


कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें 14 भाजपा से, 8 जेडीयू से, 2 लोजपा रामविलास से और एक-एक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा से शामिल हुए। नई कैबिनेट के गठन के बाद जारी अधिसूचना में गृह विभाग सम्राट चौधरी को सौंपा गया, जबकि नीतीश कुमार ने सामान्य प्रशासन, कैबिनेट सचिवालय और निगरानी विभाग अपने पास रखे.


गृह मंत्रालय सौंपने का कारण

राजनीतिक विश्लेषकों की राय


विश्लेषकों का मानना है कि गृह मंत्रालय का यह हस्तांतरण भाजपा और जेडीयू के बीच नए विश्वास और शक्ति संतुलन का संकेत हो सकता है। यह सम्राट चौधरी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जिम्मेदारी और उनके संभावित उभार का संकेत भी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि सम्राट चौधरी एक प्रमुख नेता के रूप में उभरेंगे, और नए मंत्रालय को इसका उदाहरण माना जा रहा है.


वित्त विभाग की नई जिम्मेदारी

जेडीयू को मिला वित्त विभाग


इस बार वित्त विभाग जेडीयू के पास गया है, जिसे वरिष्ठ नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव को सौंपा गया है। पहले यह पद आमतौर पर भाजपा के पास रहा है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को राजस्व और भूमि सुधार तथा खान एवं भूविज्ञान विभाग मिले हैं. जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास और परिवहन विभाग दिया गया है, जबकि अशोक चौधरी को ग्रामीण कार्य विभाग सौंपा गया है.


अन्य विभागों का बंटवारा

किसको मिला कौन सा विभाग?


जेडीयू नेता विजय चौधरी को भवन निर्माण, जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग मिले हैं। भाजपा की श्रेयसी सिंह को खेल और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग दिया गया है। पर्यटन विभाग भाजपा नेता अरुण शंकर प्रसाद को मिला है, जबकि संजय टाइगर को श्रम संसाधन विभाग सौंपा गया है.


लोजपा रामविलास, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेताओं को भी उनके-उनके विभाग दिए गए हैं। स्वास्थ्य, कानून, कृषि, शिक्षा, सड़क निर्माण, अल्पसंख्यक कल्याण, आपदा प्रबंधन और अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी नए मंत्रियों में बांटे गए हैं.