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बिहार में पेंशन वृद्धि पर तेजस्वी यादव का तीखा हमला

बिहार की राजनीति में पेंशन वृद्धि को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वे उनकी योजनाओं की नकल कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार की वापसी तय है। तेजस्वी ने पेंशन को ₹1500 करने का वादा पहले ही किया था और मौजूदा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। इस बीच, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर भी सवाल उठाए हैं, जिससे यह मामला और भी गरमा गया है।
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बिहार में पेंशन वृद्धि पर तेजस्वी यादव का तीखा हमला

बिहार की राजनीति में पेंशन का विवाद

बिहार की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर पेंशन के मुद्दे पर हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वृद्धा और दिव्यांग पेंशन में की गई वृद्धि पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि यह योजना उनकी है और वर्तमान सरकार उनकी घोषणाओं की नकल कर रही है।


सोशल मीडिया पर तेजस्वी का बयान

तेजस्वी यादव ने वृद्धा और दिव्यांग पेंशन में वृद्धि के संबंध में एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "महागठबंधन सरकार आ रही है, इससे हो रही टेंशन, इसलिए NDA के नकलची हमारी घोषणाओं की नकल कर बढ़ा रहे हैं! हमने 7 महीने पहले इसकी घोषणा की थी और सरकार से लगातार इसकी मांग की थी।"


पेंशन वृद्धि का आरोप

तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनका यह वादा पहले से था और मौजूदा सरकार ने केवल उसकी नकल की है। उन्होंने 16 दिसंबर 2024 के वीडियो का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने पहले ही इस बात की आशंका जताई थी कि उनकी योजनाओं की नकल की जाएगी।


महागठबंधन की योजनाएं

तेजस्वी ने कहा कि दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए पेंशन को ₹1500 करने का वादा महागठबंधन की तरफ से पहले ही किया गया था। उन्होंने कहा, "आज जो पेंशन बढ़ी है, वह सरकार की टेंशन का नतीजा है। महागठबंधन की वापसी तय है।"


नीतीश कुमार पर सीधा हमला

तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वे अब पूरी तरह थक चुके हैं और अचेत स्थिति में हैं। उन्होंने कहा, "बिहार को अब युवा नेतृत्व की आवश्यकता है। मेरे पास विजन है, जबकि डिप्टी सीएम के पास केवल मुझे गाली देने का समय है।"


पीएम मोदी की यात्रा पर सवाल

तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की एक यात्रा पर बिहार सरकार लगभग ₹100 करोड़ खर्च करती है। उन्होंने कहा कि आम जनता के पैसों से रैली आयोजित की जाती है और जनता की जेब काटी जाती है।