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बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग की नई नीति पर सवाल

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए शुरू की गई नई नीति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोग ने आधार, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड के आधार पर नाम दर्ज करने की अनुमति नहीं दी है, जबकि आवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए आधार आवश्यक है। इस प्रक्रिया में लाखों लोग उलझ गए हैं, और कई प्रमाणपत्र समय पर नहीं बन पा रहे हैं। जानें इस नीति के पीछे की सच्चाई और इसके संभावित प्रभाव।
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बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग की नई नीति पर सवाल

चुनाव आयोग की नई पहल

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए गए कार्यों को अद्भुत माना जा रहा है। हाल ही में, आयोग ने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का एक अभियान शुरू किया है, जो अब एक अजीब स्थिति में बदल गया है। यहां पर कोई तर्क या तथ्य काम नहीं कर रहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि आधार, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड के आधार पर कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में अपना नाम नहीं दर्ज करा सकता। इसके अलावा, आयोग ने 11 दस्तावेजों की एक सूची जारी की है, जिनके आधार पर नाम दर्ज किया जाएगा। इनमें से किसी एक दस्तावेज को मतगणना प्रपत्र के साथ जमा करना होगा।


आवास प्रमाणपत्र की स्थिति

दिलचस्प बात यह है कि बिहार में आवास प्रमाणपत्र बनाने के लिए आधार एकमात्र आवश्यक दस्तावेज है। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति आधार लेकर जाता है, तो उसका आवास प्रमाणपत्र बन जाएगा, और यह प्रमाणपत्र चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेजों में से एक है। पिछले 10 दिनों में लाखों लोगों ने आधार के माध्यम से आवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है, लेकिन इनमें से 10 प्रतिशत के भी प्रमाणपत्र 25 जून तक नहीं बन पाएंगे। यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने लोगों को उलझाने और परेशान करने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की है। यदि आवास प्रमाणपत्र आधार के माध्यम से बनता है और इससे मतदाता सूची में नाम दर्ज किया जा सकता है, तो फिर सीधे आधार के माध्यम से मतदाता बनने में क्या समस्या है?


मतदाता पहचान पत्र की चुनौतियाँ

मतदाता पहचान पत्र न होने पर जिन 12 दस्तावेजों के आधार पर वोटिंग की अनुमति है, उनमें आधार और मनरेगा कार्ड दोनों शामिल हैं। लेकिन बिहार में इन दोनों के आधार पर मतदाता सूची में नाम दर्ज नहीं किया जा रहा है। हालांकि, इन दोनों दस्तावेजों के आधार पर देश के अन्य हिस्सों में मतदाता पहचान पत्र बनाया जा सकता है।