बिहार में मतदाता सूची पर चुनाव आयोग की सख्त प्रतिक्रिया: राहुल गांधी को दी चुनौती

बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
Bihar Voter List 2025 : बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण SIR को लेकर दिल्ली में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर चुनाव आयोग ने सोमवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आयोग ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस, राजद और सीपीआई (एम) के नेता SIR प्रक्रिया में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में इसे लेकर महज राजनीतिक ड्रामा किया जा रहा है.
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 11, 2025
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आयोग ने साझा किए वीडियो सबूत
चुनाव आयोग ने बिहार के भागलपुर, गोपालगंज और पूर्णिया जैसे जिलों के वीडियो साझा किए, जिनमें विपक्षी दलों के पदाधिकारी यह स्वीकार करते दिखे कि उन्हें ड्राफ्ट वोटर लिस्ट और हटाए गए नामों की सूची सौंपी गई है. साथ ही, उन्हें संशोधन के लिए एक महीने का समय भी दिया गया है. आयोग ने कहा कि जब राज्य स्तर पर सहयोग हो रहा है, तो राजधानी में इस प्रक्रिया का विरोध करना सिर्फ दिखावा है.
राहुल गांधी पर तीखा हमला
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों पर भी सख्त टिप्पणी की है. आयोग ने कहा कि यदि राहुल गांधी के पास मतदाता सूची में गड़बड़ी के पुख्ता प्रमाण हैं, तो वे शपथपत्र के साथ पेश करें, अन्यथा सार्वजनिक रूप से माफी मांगें. कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव अधिकारियों ने भी उनसे सबूत की मांग की है. आयोग ने चेताया कि बिना आधार के गंभीर आरोप लोकतंत्र की नींव को कमजोर करते हैं.
बैठक में नहीं पहुंचे विपक्षी दल
मतदाता सूची में अनियमितताओं पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग ने कांग्रेस की मांग पर सोमवार दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई थी, जिसमें अधिकतम 30 लोगों को शामिल होने की अनुमति थी. लेकिन तय समय पर कांग्रेस समेत कोई भी विपक्षी दल बैठक में नहीं पहुंचा. आयोग का कहना है कि उन्होंने संवाद का पूरा अवसर दिया, लेकिन विपक्ष ने गंभीर चर्चा की बजाय राजनीतिक स्टंट को तरजीह दी.
मतदाता सूची को पारदर्शी बनाना लक्ष्य
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया का मकसद मतदाता सूची को साफ, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है. आयोग ने विपक्ष से आग्रह किया कि अगर उनके पास कोई ठोस शिकायत या डेटा है, तो उसे प्रस्तुत करें, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके, न कि सिर्फ बयानबाजी की जाए.