बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

सियासी हलचल के बीच चुनाव आयोग पर सवाल
नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने मंगलवार को संसद में विरोध प्रदर्शन किया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में कई उदाहरण हैं जहां चुनाव आयोग ने अपनी आंखें बंद रखी हैं।
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी में अधिकारियों की ट्रांसफर या पोस्टिंग में कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत की जाए तो प्रशासन सहयोग नहीं करता। समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को एक शपथ पत्र के साथ 18 हजार वोटों के डिलीट होने की शिकायत दी थी, जो बीजेपी के इशारे पर हुए थे।
उन्होंने कहा कि हाल के उपचुनाव में पुलिस ने वोट डालने से रोकने के लिए अपनी सर्विस रिवाल्वर दिखाई। कुंदरकी उपचुनाव की सीसीटीवी फुटेज को देखने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस वोट डालते हुए दिखाई देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में मिलीभगत के कारण मिल्कीपुर में चुनाव जीते गए।
"कुंदरकी, मीरापुर का चुनाव पुलिस प्रशासन ने मिलकर लूट लिया, अयोध्या में चुनाव जो हुआ उसको लूट लिया। यूपी के तमाम उदाहरण हम लोग दे सकते हैं जहां पर इलेक्शन कमीशन आंख बंद करके रहा।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/b9WtPvgWsj
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 22, 2025
उन्होंने आगे कहा कि कुंदरकी और मीरापुर का चुनाव पुलिस प्रशासन ने मिलकर लूट लिया। अब बिहार में चुनाव से एक डेढ़ महीने पहले नई वोटर लिस्ट बनाई जा रही है, जिसके खिलाफ समाजवादी पार्टी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने कोई धोखाधड़ी करने की योजना बनाई है।