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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कांग्रेस का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया है कि आयोग द्वारा आधार कार्ड को मान्यता नहीं देने से मतदाताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है और कहा है कि महागठबंधन सड़क पर उतरकर बड़ा प्रदर्शन करेगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और कौन से दस्तावेज मान्य होंगे।
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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कांग्रेस का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची का विवाद

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार में चुनाव आयोग का एक निर्णय विवादों का कारण बना हुआ है, जो मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से संबंधित है। आयोग ने योग्य मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए यह कदम उठाया है। हालांकि, आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में मान्यता नहीं देने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।


कांग्रेस अध्यक्ष का बयान

रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात की। उन्होंने आयोग के सामने बिहार में मतदाताओं को हो रही समस्याओं को रखा। राजेश राम ने आरोप लगाया कि आयोग द्वारा आधार कार्ड को छोड़कर 11 अन्य दस्तावेजों की मांग करना बिहार की जनता के साथ अन्याय है।


महागठबंधन का आंदोलन

दी बड़े आंदोलन की चेतावनी


राजेश राम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि वोटर लिस्ट के निरीक्षण के खिलाफ उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई, तो महागठबंधन सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगा। वे चक्का जाम करने की योजना बना रहे हैं और यदि यह सफल होता है, तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।


सरकार के लाभ का आरोप

गहन पुनरीक्षण से केवल सरकार को फायदा- राजेश


कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जिनकी सरकार होती है, ब्यूरोक्रेसी उनके लिए काम करती है। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देश पर वोटर लिस्ट में नाम जोड़े या हटाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने पहले कहा था कि वर्तमान वोटर लिस्ट पर चुनाव होंगे, लेकिन गहन पुनरीक्षण से केवल सत्ताधारी जेडीयू और भाजपा को लाभ होगा।


दस्तावेजों की सूची

‘मुझे भी खोजने पड़ेंगे डॉक्यूमेंट’


चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को छोड़कर 11 दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिनका सत्यापन होने के बाद ही किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। इस पर राजेश राम ने कहा कि उन्हें भी अपने दस्तावेज खोजने पड़े हैं।


ये डॉक्यूमेंट होंगे मान्य


– 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र/ प्रमाण पत्र, स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी या पीएसयू द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज।
– जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र या सर्टिफिकेट।
– मूल निवास प्रमाण पत्र।
– जाति प्रमाण पत्र।
– वन अधिकार प्रमाण पत्र।
– फैमिली रजिस्टर।
– घर या जमीन का प्रमाण पत्र।
– एनआरसी (बिहार में लागू नहीं)