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बिहार में महागठबंधन की सीटों पर विवाद, कांग्रेस और राजद में तकरार

बिहार में विपक्षी दलों का महागठबंधन आपस में ही संघर्ष कर रहा है। कांग्रेस और राजद के बीच सीटों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस का कहना है कि राजद उन सीटों पर उम्मीदवार उतार रहा है, जहां वह चुनाव लड़ना चाहती है। इस स्थिति ने कई सीटों पर भ्रम पैदा कर दिया है। जानें इस राजनीतिक खींचतान के बारे में और क्या है सीपीआई माले का कहना।
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बिहार में महागठबंधन की सीटों पर विवाद, कांग्रेस और राजद में तकरार

बिहार में विपक्षी दलों के बीच संघर्ष

पटना। बिहार में विपक्षी दलों का गठबंधन आपस में ही संघर्ष कर रहा है। कांग्रेस और राजद के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि राजद उन सीटों पर उम्मीदवार उतार रहा है, जिन पर कांग्रेस चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। पहले चरण की 121 सीटों में से कांग्रेस ने 24 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं, जबकि राजद ने 73 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। मुकेश सहनी की वीआईपी ने सात और सीपीआई माले ने भी सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं।


इस प्रकार पहले चरण की 121 सीटों पर महागठबंधन के कुल 129 प्रत्याशी चुनावी दौड़ में हैं। आठ सीटों पर पार्टियों के बीच आपसी संघर्ष चल रहा है। इसके अलावा, कई अन्य सीटों पर पार्टियों ने सिंबल देने के बाद वापस ले लिए हैं, जिससे स्थिति में और भी भ्रम बना हुआ है। गौड़ाबौराम सीट पर राजद ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को समर्थन दिया था, जिसने नामांकन दाखिल किया, लेकिन बाद में यह सीट वीआईपी के पास चली गई और मुकेश सहनी ने अपने भाई संतोष सहनी को उम्मीदवार बना दिया। अब राजद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेना मुश्किल हो रहा है।


कांग्रेस ने 48 और सीपीआई माले ने 18 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, लेकिन राजद ने अभी तक किसी उम्मीदवार की सूची नहीं दी है। इस कारण कई सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। कई सीटों पर गठबंधन की विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की सीट भी फंसी हुई है, क्योंकि कहा जा रहा है कि राजद ने वहां से सुरेश पासवान को उम्मीदवार बना दिया है।


महागठबंधन के इस विवाद पर सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सभी लोग नामांकन दाखिल कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि तालमेल में कोई कमी है, तो नाम वापस लेने के समय तक वह दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'सीपीआई माले की 20 सीटों पर पूरी एकता है, क्योंकि हमने तय किया था कि यहां फ्रेंडली फाइट की कोई गुंजाइश नहीं होगी। कोई फ्रेंडली फाइट नहीं है।'