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बिहार राजनीति में तेजस्वी यादव का वंशवाद पर विवादास्पद बयान

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर वंशवाद का आरोप लगाया है, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। इस बीच, लालू यादव ने 13वीं बार पार्टी के अध्यक्ष पद पर काबिज होने की प्रक्रिया पूरी की है। तेजस्वी के बयान ने NDA के नेताओं को सवाल उठाने का मौका दिया है। क्या आरजेडी में परिवारवाद की सच्चाई सामने आएगी? जानें पूरी कहानी।
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बिहार राजनीति में तेजस्वी यादव का वंशवाद पर विवादास्पद बयान

बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक हलचल

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस राजनीतिक जंग में नेता बिना किसी ठोस तर्क के आरोप लगा रहे हैं, जिससे विपक्ष को मजाक उड़ाने का मौका मिल रहा है। हाल ही में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है।


लालू यादव का अध्यक्ष बनना

आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए लालू प्रसाद यादव ने पर्चा भरने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस बार उनके सामने कोई अन्य उम्मीदवार नहीं है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह निर्विरोध अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। यह उनके लिए 13वीं बार पार्टी की कमान संभालने का अवसर है। लेकिन इस बीच, तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि NDA का मतलब अब 'नेशनल दामाद अलायंस' हो गया है। इस बयान के बाद NDA के नेता तेजस्वी से सवाल कर रहे हैं कि 28 साल से लालू यादव ही क्यों पार्टी के अध्यक्ष बने हुए हैं।


तेजस्वी का विवादास्पद बयान

तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि NDA में केवल परिवार के सदस्य ही शामिल हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2005 से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। जबकि आरजेडी में लंबे समय से अध्यक्ष की कुर्सी एक ही परिवार के पास है। तेजस्वी खुद बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, और उनके पिता लालू यादव लगातार 13वीं बार पार्टी के शीर्ष पद पर काबिज हो गए हैं।


BJP का सवाल

आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के फैसले से यह स्पष्ट है कि पार्टी में नेतृत्व का केंद्र आज भी परिवार ही है। इस पर BJP ने सवाल उठाया है कि जब तेजस्वी अन्य दलों में परिवारवाद देखते हैं, तो अपनी पार्टी में उसी रास्ते पर क्यों चल रहे हैं। अभी तक इन आरोपों पर आरजेडी के किसी नेता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।