बिहार विधानसभा चुनाव 2025: JDU ने चिराग पासवान की सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की

NDA में सीट बंटवारे पर विवाद
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए NDA गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। इसी क्रम में, जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान को आवंटित की गई कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है।
यह निर्णय नीतीश कुमार की नाराजगी को दर्शाता है, जो LJP को दी गई सीटों के बंटवारे से असंतुष्ट थे। नीतीश की नाराजगी का मुख्य कारण NDA गठबंधन में LJP को दी गई सीटों की संख्या और उनकी गुणवत्ता है।
JDU की इस सूची में कई अनुभवी नेताओं को शामिल किया गया है। बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी को उनकी पुरानी सीट सराय रंजन से टिकट मिला है। इसके अलावा, आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव और बिहारीगंज से निरंजन कुमार मेहता जैसे प्रमुख नाम भी शामिल हैं।
JDU ने मुख्य रूप से गायघाट, राजगीर, और सोनबरसा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है। कुछ रिपोर्टों में एकमा को भी शामिल किया गया है, जिससे कुल 3-4 सीटों पर विवाद उत्पन्न हुआ है।
देखें JDU की पहली लिस्ट
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के लिए जनता दल (यूनाइटेड) की पहली लिस्ट। #Bihar #JDU #JanataDalUnited #BiharElections pic.twitter.com/9vc2RL9QQI
— Janata Dal (United) (@Jduonline) October 15, 2025
JDU ने बुधवार को 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें विवादित सीटें भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, सिकटा से संमृद्ध वर्मा का नाम तय है। NDA सीट बंटवारे के अनुसार, BJP और JDU को 101-101 सीटें, LJP(RV) को 29, जीतनराम मांझी की HAM को 6, और उपेंद्र कुशवाहा की RLSP को 6 सीटें मिलनी थीं, लेकिन JDU के इस निर्णय से LJP की 29 में से कम से कम 3-4 सीटें प्रभावित हो गई हैं।
इसके अलावा, जीतनराम मांझी की HAM ने भी LJP की दो सीटों (मखदुमपुर और बोधगया) पर उम्मीदवार उतारे हैं। चिराग पासवान ने अपनी कुछ सीटों पर सिंबल जारी कर दिए हैं, लेकिन विवाद बढ़ने से NDA में तनाव उत्पन्न हो गया है। BJP दिल्ली में मध्यस्थता की कोशिश कर रही है।
यह विवाद NDA के भीतर सीट शेयरिंग की खींचतान का हिस्सा है। नीतीश कुमार को LJP को अधिक सीटें देने पर आपत्ति थी, जबकि चिराग दानापुर, लालगंज जैसी मजबूत सीटें चाहते थे। BJP ने 71 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, लेकिन JDU का यह कदम गठबंधन को कमजोर कर सकता है।