बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA और महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे की जंग

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियों में तेजी आ गई है। 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए नवंबर में चुनाव होने की संभावना है, और इससे पहले एनडीए ने सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बना ली है। सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन (INDIA Bloc) के बीच सीधी टक्कर की उम्मीद है।
एनडीए की रणनीति
जहां एनडीए सत्ता में वापसी की योजना बना रहा है, वहीं महागठबंधन इस बार जेडीयू के बिना चुनाव जीतने की कोशिश कर रहा है। भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों का प्रारंभिक बंटवारा तय हो चुका है, जिसमें सहयोगी दलों को भी अधिक महत्व मिलने की संभावना है।
भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा
भाजपा-जेडीयू के बीच सीटों पर बनी सहमति
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भाजपा इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 102 सीटें मिल सकती हैं। यह पिछले चुनावों की तुलना में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, क्योंकि भाजपा को जेडीयू से एक सीट कम दी गई है।
एनडीए के सहयोगी दलों को इस बार बड़ी हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 18 से 22 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 7 से 9 सीटें दिए जाने की संभावना है।
नीतीश कुमार की राजनीतिक भूमिका
नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर बनी असमंजस की स्थिति
नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है, जिससे राज्य पर भाजपा का सीधा नियंत्रण हो सकेगा। हालांकि, जेडीयू ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन राजनीतिक चर्चा अभी भी जारी है।
महागठबंधन में सीट बंटवारे की चुनौतियाँ
महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर खींचतान
तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को लेकर संकट गहराता नजर आ रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आरजेडी से 12 सीटों की मांग की है, इसके बदले झारखंड विधानसभा चुनाव में आरजेडी को 6 सीटें देने की बात कही जा रही है।
कांग्रेस भी करीब 90 सीटों की मांग कर रही है, जिससे अंदरूनी मतभेद और बढ़ सकते हैं। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और वामपंथी दल भी इस बार अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं।
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM, जिसने पिछले चुनाव में कुछ सीटें जीती थीं, अब महागठबंधन में शामिल होने की इच्छुक है। अगर AIMIM को शामिल किया गया तो सीटों का बंटवारा और भी जटिल हो सकता है।