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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला तेज हो गया है। पशुपति पारस ने महागठबंधन के साथ गठबंधन की कोशिश की, लेकिन यह सफल नहीं हो पाई। उन्होंने 33 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है और उम्मीद जताई है कि उनकी पार्टी की जीत होगी। जानें इस चुनावी जंग में उनकी रणनीतियों और महागठबंधन के उम्मीदवारों के चयन पर उनके विचार।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी


बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने हैं। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की जनसुराज और पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) भी चुनावी दौड़ में शामिल हैं। पशुपति पारस ने बताया कि महागठबंधन के साथ गठबंधन करने की कोशिश की गई, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। इसलिए, हमने निर्णय लिया कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। पहले चरण में हमने 33 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है।


पशुपति पारस ने कहा कि 2005 में उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था और 29 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भी महागठबंधन के साथ गठबंधन की कोशिश की गई, लेकिन यह नहीं हो सका। उनका संगठन पूरे बिहार में फैला हुआ है और दलित सेना भी सक्रिय है। इस बार पार्टी ने तय किया है कि वे अकेले चुनाव लड़ेंगे। पहले चरण में 33 कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जिनमें से छह महिलाएं हैं। उन्होंने बिहार के जातीय समीकरण का ध्यान रखने की बात कही और उम्मीद जताई कि पहले चरण के चुनाव परिणाम सकारात्मक रहेंगे।


महागठबंधन के कई उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हो रहा है। इस पर पशुपति पारस ने कहा कि यह दर्शाता है कि उम्मीदवारों का चयन सही नहीं किया गया है। एक ओर गठबंधन की बात की जाती है और दूसरी ओर दोस्ताना संघर्ष की। लालगंज, वैशाली और अन्य क्षेत्रों में दोस्ताना संघर्ष हो रहा है, जो गठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी जातियों और धर्मों के लोग उन्हें वोट देंगे और उनकी जीत सुनिश्चित होगी।