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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में तेजी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में तेजी आई है, जिसमें पहले चरण के मतदान के लिए EVM और VVPAT का आवंटन किया गया है। चुनाव आयोग ने 18 जिलों में रेंडमाइजेशन प्रक्रिया पूरी की है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। पटना जिले में 5,677 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, और आयोग ने आवश्यक मशीनों की संख्या भी सुनिश्चित की है। जानें इस चुनावी प्रक्रिया के बारे में और क्या तैयारियां की जा रही हैं।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में तेजी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तैयारियों की रफ्तार

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों ने अब गति पकड़ ली है। पहले चरण के मतदान के लिए 18 जिलों में EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और VVPAT (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) का आवंटन किया जा चुका है।


चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, शनिवार को इन जिलों में पहले चरण से संबंधित सभी 121 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पहली रेंडमाइजेशन प्रक्रिया संपन्न हुई। यह प्रक्रिया जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीएम) की निगरानी में की गई, जिसमें राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।


स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित मशीनें

स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित 


रेंडमाइजेशन, यानी मशीनों का यादृच्छिक चयन, एक पारदर्शी प्रक्रिया है, ताकि चुनाव निष्पक्षता से संपन्न हो सके। रेंडमाइजेशन के बाद ईवीएम और वीवीपैट की जो सूची तैयार की गई, उस पर डीएम और दलों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। यह सूची अब सभी दलों के जिला कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है। इसी सूची के आधार पर इन मशीनों को संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव अधिकारियों को सौंपा जाएगा और बाद में उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा।


जब उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी होगी, तब इन्हीं चुनी गई मशीनों की जानकारी उम्मीदवारों को भी दी जाएगी। इस पारदर्शिता का उद्देश्य यह है कि हर उम्मीदवार और दल यह जान सके कि चुनाव में कौन सी मशीनें उपयोग में लाई जाएंगी।


दूसरे चरण की तैयारी

कब शुरू होगा दूसरे चरण? 


अब दूसरे चरण की बात करें, तो शेष 20 जिलों में 122 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 13 अक्टूबर को पहले चरण का रेंडमाइजेशन किया जाएगा। इन जिलों में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर शामिल हैं।


मतदान केंद्रों की संख्या

 कुल 5,677 मतदान केंद्र 


पटना जिले में कुल 5,677 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन सभी केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक 5,677 बैलट यूनिट (BU), 5,677 कंट्रोल यूनिट (CU) और 5,677 वीवीपैट मशीनें तैयार रखी गई हैं। इसके अलावा, आयोग के नियमों के अनुसार 20% रिजर्व ईवीएम और 30% रिजर्व वीवीपैट भी रखी गई हैं।


भारत निर्वाचन आयोग की तैयारी

 भारत निर्वाचन आयोग


कुल आवश्यकता 6,808 बीयू, 6,808 सीयू और 7,374 वीवीपैट की होगी। राहत की बात यह है कि पटना जिले में इस आवश्यकता से कहीं अधिक मशीनें पहले से ही उपलब्ध हैं - 12,886 बीयू, 7,439 सीयू और 8,025 वीवीपैट। यह पूरी प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के ईएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गई, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति से पारदर्शिता सुनिश्चित की गई। अब देखना होगा कि रेंडमाइजेशन के बाद किस क्षेत्र में कौन सी मशीनें भेजी गई हैं और कौन-कौन से उम्मीदवार इन पर अपना भाग्य आजमाएंगे।