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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव आयोग की बैठक में राजनीतिक दलों ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पटना में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए। उन्होंने छठ पर्व के बाद चुनाव कराने और मतदान केंद्रों पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या सीमित करने की मांग की। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने SIR प्रक्रिया की सफलता की सराहना की और अधिकारियों को निष्पक्षता बनाए रखने के निर्देश दिए। जानें इस बैठक में और क्या हुआ चर्चा।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनाव आयोग की बैठक में राजनीतिक दलों ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में तेजी

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में तेजी आ गई है। इस संदर्भ में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को पटना में विभिन्न राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में चुनाव आयोग के अन्य दो आयुक्त, डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनावी तैयारियों का मूल्यांकन करना और राजनीतिक दलों के सुझावों को सुनना था।


मतदान के लिए एजेंटों की नियुक्ति पर जोर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बैठक में कहा कि राजनीतिक दल लोकतंत्र के महत्वपूर्ण हिस्सेदार हैं, इसलिए उनकी सक्रिय भागीदारी चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाती है। उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि वे मतदान और मतगणना के दौरान अपने एजेंटों की नियुक्ति करें ताकि चुनाव प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।


छठ के बाद चुनाव कराने का सुझाव
बैठक में उपस्थित राजनीतिक दलों ने सुझाव दिया कि चुनाव की तिथियों को छठ पर्व के तुरंत बाद रखा जाए, जिससे मतदाताओं की भागीदारी बढ़ सके। इसके साथ ही, उन्होंने चुनाव को एक या दो चरणों में संपन्न कराने की भी मांग की, ताकि लंबी चुनाव प्रक्रिया से बचा जा सके।


चुनाव आयोग के साथ संवाद में शामिल दल
बैठक में कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने भाग लिया, जिनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी और मार्क्सवादी-लेनिनवादी लिबरेशन) शामिल थे।


चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया की सराहना
राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने की सराहना की। इस प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को अद्यतन किया गया, जिससे फर्जी नामों को हटाया गया और नए योग्य मतदाताओं का नाम जोड़ा गया।


मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता के सुझाव
दल प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि मतदान केंद्रों पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित की जाए ताकि भीड़ कम हो और मतदान सुगमता से संपन्न हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि डाक मतपत्रों की गिनती, ईवीएम गिनती के अंतिम चरण से पहले की जाए। इसके अलावा, राजनीतिक दलों के एजेंटों को फॉर्म 17सी मतदान केंद्र छोड़ने से पूर्व ही प्रदान करने की मांग की गई, ताकि मतों की संख्या को लेकर कोई भ्रम या विवाद न रहे।


अधिकारियों से निष्पक्षता की अपेक्षा
बैठक में आयोग ने राज्य के जिला शिक्षा अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चुनावी प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह निष्पक्ष रहकर कार्य करें। साथ ही, राजनीतिक दलों की शिकायतों का शीघ्र समाधान करने के भी निर्देश दिए गए। आयोग ने अधिकारियों को यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही फर्जी खबरों पर कड़ी नजर रखें और आवश्यक होने पर कानूनी कार्रवाई में देर न करें।


मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार दौरा
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार दो दिनों तक बिहार के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे विभिन्न जिलों में जाकर चुनावी तैयारियों का मैदानी स्तर पर मूल्यांकन करेंगे। इस दौरे के पूरा होने के बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान जल्द ही किए जाने की संभावना है।