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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेएमएम और आरजेडी के बीच बढ़ती दरार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में जेएमएम और आरजेडी के बीच बढ़ती दरार ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। हेमंत सोरेन की नाराजगी और सीट बंटवारे की जटिलताएं इस बार चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती हैं। जानें इस राजनीतिक संघर्ष के पीछे की वजहें और संभावित परिणाम।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेएमएम और आरजेडी के बीच बढ़ती दरार

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा संसद के मानसून सत्र के बाद की जा सकती है। इस बीच, इंडिया ब्लॉक में शामिल होने को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस चल रही है। झारखंड में इंडिया का नेतृत्व कर रहे जेएमएम के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समय लालू यादव से असंतुष्ट हैं। आरजेडी द्वारा चुनाव में बुलावा न दिए जाने के कारण सोरेन नाराज हैं। जेएमएम ने स्पष्ट किया है कि वे इस बार बिहार में मेहमान नहीं, बल्कि भागीदार बनकर चुनाव में उतरेंगे। उन्होंने बिहार में सम्मानजनक सीटों की मांग की है, जिससे आरजेडी और कांग्रेस के बीच हलचल मच गई है।


सोरेन की नाराजगी के कारण

सोरेन क्यों नाराज हैं?


आरजेडी की अगुवाई वाला इंडिया गठबंधन जल्द ही सीट शेयरिंग पर अंतिम बैठक करने वाला है। अब तक इस विषय पर चार बैठकें हो चुकी हैं। कल आरजेडी का राष्ट्रीय अधिवेशन है, जिसके बाद सीट शेयरिंग की बातचीत को अंतिम रूप दिया जा सकता है। जेएमएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनका बिहार में जनाधार है। यदि उन्हें सम्मान नहीं मिला, तो उनके पास संगठन और लोकप्रिय नेता दोनों हैं।


पिछले चुनाव का अनुभव

पिछली बार हुआ था नुकसान


2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान आरजेडी ने सम्मानजनक सीटों की मांग की थी, जिसके बाद जेएमएम ने आरजेडी को लड़ने के लिए सीटें दी थीं। अब आरजेडी की बारी है कि वह गठबंधन धर्म निभाए। लेकिन इंडिया गठबंधन की किसी भी बैठक में जेएमएम को नहीं बुलाए जाने के कारण हेमंत सोरेन नाराज हैं। उन्होंने मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखी है। अब यह देखना होगा कि क्या लालू यादव जेएमएम को उचित सम्मान देंगे, क्योंकि पिछले चुनाव में जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ा था।


सीटों का संभावित फॉर्मूला

सीटों का संभावित फॉर्मूला


विशेषज्ञों का मानना है कि लालू यादव और तेजस्वी इस बार अधिक आत्मविश्वास में हैं। ऐसे में जेएमएम को सीटें देना संभव नहीं होगा। इसके अलावा, सीट बंटवारे में भी जटिलताएं आ सकती हैं। बिहार में वाम दल माले एक महत्वपूर्ण ताकत है और उसने 40 सीटों की मांग की है। इस बार आरजेडी को 138, कांग्रेस को 54, वाम दल को 30 और वीआईपी को 18 सीटें मिल सकती हैं। ऐसे में जेएमएम के लिए सीट बंटवारे में जगह बनाना आरजेडी के लिए मुश्किल हो सकता है।