बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तेजस्वी यादव ने चौंकाने वाला राजनीतिक कदम उठाया

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नया मोड़
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनावों से पहले, RJD के नेता लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने एक अप्रत्याशित राजनीतिक निर्णय लिया है। उन्होंने परसा विधानसभा क्षेत्र से तेज प्रताप यादव की चचेरी साली करिश्मा राय को RJD का टिकट प्रदान किया है। करिश्मा, RJD के वरिष्ठ नेता चंद्रिका राय की भतीजी हैं, जो तेज प्रताप के ससुर भी हैं।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, करिश्मा राय ने 2020 के बिहार चुनावों में RJD से टिकट पाने के लिए प्रयास किया था, लेकिन उस समय उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा था। यह निर्णय तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच चल रहे वैवाहिक विवाद के कारण लिया गया था। उस समय, लालू परिवार ने तेज प्रताप का समर्थन किया था, जिससे करिश्मा को राजनीतिक समर्थन नहीं मिल सका था।
पांच साल बाद बदलते समीकरण
अब, पांच साल बाद, राजनीतिक और पारिवारिक समीकरणों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। तेज प्रताप यादव ने परिवार और RJD दोनों से दूरी बना ली है। वह इस चुनाव में स्वतंत्र रूप से अपने राजनीतिक दल के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, तेज प्रताप जल्द ही महुआ सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे और उन्होंने अपने समर्थकों को नामांकन के दिन शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
इस बीच, करिश्मा राय का समर्थन करने का तेजस्वी का निर्णय एक चतुर राजनीतिक और भावनात्मक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य वैशाली क्षेत्र में अपने आधार को मजबूत करना और यादव परिवार के व्यापक नेटवर्क पर नियंत्रण स्थापित करना है।
लालू परिवार और राजनीतिक संतुलन
करिश्मा राय को टिकट देकर, लालू यादव और तेजस्वी यादव एक संतुलन बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे चंद्रिका राय के परिवार जैसे पुराने वफादारों को RJD के पाले में रखा जा सके, जबकि राजनीतिक रूप से बागी हो चुके तेज प्रताप को दरकिनार किया जा रहा है। इस कदम की बिहार के राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा हो रही है, क्योंकि यह परसा और महुआ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की भावनाओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।
बिहार चुनाव की तारीखें
कब है बिहार चुनाव? बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा। राजनीतिक दल पहले से ही चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं, और RJD के अंदरूनी पारिवारिक ड्रामे ने चुनाव में और भी रहस्य जोड़ दिया है।