बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नई रणनीतियों के साथ राजनीतिक दलों की तैयारी

बिहार चुनाव 2025 की तैयारी
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अनोखे तरीके अपनाना शुरू कर दिया है। इस बार चुनाव प्रचार का तरीका बदल गया है। पारंपरिक पोस्टर और पंपलेट के स्थान पर ATM कार्ड और चेकबुक कूपन का उपयोग किया जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यह वादों की प्रतिस्पर्धा अब सीधा लाभ दिखाकर वोट हासिल करने पर केंद्रित हो गई है।
प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही है और उन्होंने अपनी रणनीति में 'PLC – परिवार लाभ कार्ड' पेश किया है। पार्टी का दावा है कि इस कार्ड के माध्यम से एक परिवार को हर महीने लगभग 20 हजार रुपये का लाभ मिलेगा। इसमें रोजगार गारंटी, सस्ती दर पर ऋण, बच्चों की शिक्षा, पेंशन और कृषि-मजदूर व्यवस्था जैसे लाभ शामिल हैं। जनसुराज चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष किशोर कुमार का कहना है, 'हम जनता के बीच वादों को सीधे पहुंचा रहे हैं। इस कार्ड से उन्हें यह विश्वास मिलेगा कि सरकार बनने के बाद योजनाएं केवल कागज पर नहीं रहेंगी।'
कांग्रेस का चेकबुक कूपन
जनसुराज के इस कदम का जवाब कांग्रेस ने चेकबुक जैसे कूपन जारी करके दिया है। पार्टी का वादा है कि इससे परिवारों को सालाना 28 लाख रुपये तक का लाभ मिल सकता है। इन योजनाओं में शामिल हैं:
- 25 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज
- महिलाओं को 2500 रुपये मासिक भत्ता
- 200 यूनिट मुफ्त बिजली
- मुफ्त टैबलेट
- पेंशन में बढ़ोतरी
- भूमिहीन परिवारों को जमीन
कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने दावा किया, 'बिहार की जनता एनडीए सरकार से नाराज है और अब वे हमारे अधिकार के गुलदस्ते को चुनेंगी.'
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने दोनों दलों के इस नए चुनावी हथकंडे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा, 'जनसुराज और कांग्रेस दोनों धोखाधड़ी की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस ने पहले ही देश को धोखा दिया है और प्रशांत किशोर उसी रास्ते पर चल रहे हैं।' वहीं, एनडीए सरकार पहले से ही महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजार रुपये सीधे महिलाओं के खाते में भेजने की तैयारी कर चुकी है। इसे चुनाव से पहले सत्ताधारी दल का सबसे बड़ा 'तुरुप का पत्ता' माना जा रहा है.