बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बाहुबलियों की छाया में चुनावी जंग

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का ऐलान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। चुनाव आयोग ने 6 अक्टूबर 2025 को मतदान की प्रक्रिया का शेड्यूल जारी किया। मतदान दो चरणों में होगा - पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान तीन चरणों में हुए चुनावों की तुलना में यह नया शेड्यूल मतदाताओं की सुविधा के लिए तैयार किया गया है। हालांकि, इस बार बाहुबलियों का प्रभाव चुनावी मैदान में स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है, खासकर विवादित सीटों पर।
दानापुर सीट
दानापुर को बाहुबली रीत लाल रे (RJD) का गढ़ माना जाता है। 2020 में जेल से रिहा होकर उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उनके खिलाफ 33 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं। उनकी संपत्ति 27 करोड़ से अधिक है, जबकि कर्ज लगभग 8 करोड़ है। आरजेडी इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है। 2020 में आरजेडी की रीता लाल रे ने यहां जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी की आशा देवी दूसरे स्थान पर रहीं।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला चरण)
लालगंज (वैशाली जिला)
लालगंज में बाहुबली मुन्ना शुक्ला (विजय कुमार शुक्ला) का प्रभाव रहा है। 2015 में JD(U) से जीत हासिल की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हत्या के मामले में दोषी ठहराया। उनके खिलाफ 18 से अधिक मामले हैं। 2020 में बीजेपी के संजय कुमार सिंह ने यहां जीत दर्ज की थी। आरजेडी इस सीट पर वापसी की कोशिश कर सकती है। 2020 में संजय कुमार सिंह ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस को हार का सामना कराया था।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला फेज)
रघुनाथपुर (सिवान जिला)
रघुनाथपुर सीट पर RJD ने शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को उम्मीदवार बनाया है। पिता के प्रभाव के कारण RJD को इस सीट पर भरोसा है। 2020 में हरिशंकर यादव (RJD) ने यहां जीत हासिल की थी। उन्होंने एएलजेपी के मनोज कुमार सिंह को हराकर यह सीट करीब 18000 मतों से जीती थी।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला फेज)
मोकामा (पटना जिला)
मोकामा में अनंत कुमार सिंह उर्फ 'छोटे सरकार' का दबदबा है। 2020 में उन्होंने RJD के टिकट पर चुनाव जीता था। उनके खिलाफ 38 से अधिक आपराधिक मामले हैं, जिनमें हत्या और अपहरण शामिल हैं। उनकी संपत्ति 68 करोड़ से अधिक है और कर्ज लगभग 17 करोड़ है। उन्होंने जेडीयू के राजीव लोचन को हराया था।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला फेज)
महाराजगंज (सिवान जिला)
महाराजगंज में RJD के बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन का प्रभाव है। उनके खिलाफ अपहरण और हत्या के मामले हैं। 2020 में कांग्रेस के विजय शंकर दुबे ने यहां जीत दर्ज की थी। यहां भी एनडीए की ओर से जेडीयू का प्रत्याशी मैदान में था।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला फेज)
तरारी (भोजपुर जिला)
तरारी में सुनील पांडे, जो लालू-राबड़ी राज के दौरान बाहुबली माने जाते थे, प्रमुख उम्मीदवार हैं। 2020 में CPIML के सुदामा प्रसाद ने उन्हें हराया था। इस बार RJD गठबंधन से चुनौती पेश करेगा।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला फेज)
वैशाली (वैशाली जिला)
वैशाली बृज बिहारी प्रसाद का गढ़ रहा है, जहां उन्होंने 1990 और 1995 में जीत हासिल की थी। 2020 में JDU के सिद्धार्थ पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भी टिकट को लेकर दावेदारी चल रही है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है।
वोटिंग- 6 नवंबर (पहला फेज)
2020 के नतीजे और 2025 की तैयारी
2020 में RJD सबसे बड़ी पार्टी बनी थी (75 सीटें), लेकिन सरकार NDA ने बनाई। NDA ने 125 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं। 2025 में तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन मजबूत दिखाई दे रहा है। मुस्लिम-यादव और EBC वोटों को टारगेट किया जाएगा। बाहुबली प्रभाव वाली सीटों पर RJD का कंट्रोल 2020 जैसा ही मजबूत माना जा रहा है।
बाहुबलियों का साया और लोकतंत्र की जंग
ये सात सीटें बिहार की राजनीति में बाहुबली प्रभाव की स्पष्ट झलक दिखाती हैं. पहले फेज में ही इनकी जंग होने वाली है। 6 नवंबर को वोटिंग के बाद, 14 नवंबर को परिणाम घोषित होंगे और पता चलेगा कि कौन सरकार बनाने में सफल होगा।