बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची में बड़े बदलाव, किसे मिलेगा फायदा?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदाता सूची का पुनरीक्षण
Bihar Assembly Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण (SIR) किया है। शुक्रवार को, आयोग ने इस पुनरीक्षण के बाद बिहार की वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट जारी किया। इस सूची में लाखों मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिससे राज्य की मतदाता जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। आयोग के अनुसार, 'मतदाता सूची में बदलाव लोगों के पलायन के कारण हुआ है,' जिसका आगामी चुनावों पर प्रभाव पड़ सकता है। बिहार के विभिन्न जिलों में हुए इस बड़े बदलाव से वोटर डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव आया है। चुनाव आयोग का कहना है कि लोगों के पलायन और अन्य कारणों से मतदाता सूची में फेरबदल किया गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बदलावों का फायदा किसे मिलता है: एनडीए या महागठबंधन?
पटना जिले में सबसे अधिक नाम हटाए गए
बिहार के 38 जिलों में से पटना जिले में सबसे अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यहां 3,95,500 मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। पटना राज्य का सबसे बड़ा जिला है और यहां विधानसभा की 14 सीटें हैं। इनमें से 7 सीटों पर औसतन 27,012 मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। 2020 के चुनाव में RJD ने पटना की 6 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि BJP ने 5 सीटें जीती थीं।
पूर्वी चंपारण और मधुबनी में भी बड़े बदलाव
पूर्वी चंपारण जिले में भी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। यह जिला BJP-JDU का गढ़ है, जहां 2020 के चुनाव में दोनों पार्टियों ने मिलकर 11 में से 8 सीटें जीती थीं। BJP ने 7 सीटें जीती थीं, जबकि JDU ने 1 सीट जीती थी। इस जिले में भी RJD ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पटना के बाद सबसे ज्यादा नाम मधुबनी जिले में काटे गए हैं, जहां 3,53,545 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। मधुबनी जिला BJP-JDU का गढ़ माना जाता है। 2020 के चुनाव में BJP ने यहां की 10 में से 5 सीटें जीती थीं, जबकि JDU ने 3 और RJD ने 2 सीटें जीती थीं। यहां के लोग अक्सर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं, जिसके कारण मतदाताओं के नाम सूची से बाहर किए गए हैं.
चुनावों पर संभावित प्रभाव
इन बड़े बदलावों का असर आगामी विधानसभा चुनावों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है। अब यह देखना होगा कि लाखों मतदाताओं के नाम हटाए जाने का फायदा किसे मिलेगा: एनडीए को या महागठबंधन को? यह सवाल आगामी चुनावों की राजनीति को प्रभावित कर सकता है.