Newzfatafatlogo

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदान की तैयारी और विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोरों पर है, जिसमें लगभग 7.24 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। चुनाव आयोग अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। पहले चरण का मतदान छठ पर्व के बाद होगा। इस बार मतदाता सूची में विवाद भी देखने को मिल रहा है, जहां विपक्षी दलों ने इसे 'वोट चोरी' करार दिया है। जानें इस चुनावी प्रक्रिया के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 | 
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मतदान की तैयारी और विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar assembly election 2025: बिहार में विधानसभा चुनावों की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। इस बीच, विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जिससे लगभग 7.24 करोड़ मतदाता इस बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।


पहले चरण का मतदान

सूत्रों के अनुसार, बिहार में पहले चरण का मतदान छठ पर्व (25 से 28 अक्टूबर) के बाद होगा। इसका मतलब है कि राज्य में चुनावी प्रक्रिया अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो सकती है। आयोग का उद्देश्य त्योहारों के बाद मतदान कराना है ताकि अधिक से अधिक लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें।


मतदाता सूची का प्रकाशन

मतदाता सूची हुई तैयार

30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। यह सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान के बाद तैयार की गई है, जो राज्य में 22 वर्षों के बाद आयोजित किया गया। प्रारंभिक सूची 1 अगस्त को जारी की गई थी, जिस पर 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियाँ आमंत्रित की गईं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप लगभग 7.24 करोड़ मतदाता पंजीकृत हुए हैं।


पर्यवेक्षकों की नियुक्ति

पर्यवेक्षकों की तैनाती

चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनावों के लिए लगभग 470 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इनमें सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। इन पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण और ब्रीफिंग 3 अक्टूबर को होगी। आयोग का मानना है कि सख्त निगरानी और पारदर्शी व्यवस्था से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित होंगे।


विपक्ष और आयोग के बीच विवाद

विपक्ष और आयोग में टकराव

विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्षी दलों और चुनाव आयोग के बीच विवाद उत्पन्न हुआ है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को 'वोट चोरी' करार दिया है। विपक्ष का आरोप है कि लाखों असली मतदाताओं को सूची से बाहर किया जा सकता है। हालांकि, आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योग्य मतदाता को वंचित नहीं किया जाएगा और सभी पात्र नागरिकों का नाम सूची में शामिल होगा।


बिहार की सियासत में नया संग्राम

यह ध्यान देने योग्य है कि बिहार की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में आयोग के पास सीमित समय है। पिछले चुनाव में 243 सीटों में से एनडीए को 125 और विपक्षी गठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। इस बार एक बार फिर बिहार की सियासत में बड़ा संग्राम देखने को मिलेगा।