बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर असमंजस

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा
Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें अब आधिकारिक रूप से घोषित हो चुकी हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान दो चरणों में होगा: पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बीच सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर असमंजस बना हुआ है।
महागठबंधन में सीएम चेहरे पर विवाद
महागठबंधन में CM फेस पर खींचतान
राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर एकमत नहीं है। राजद लगातार तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा घोषित करने की मांग कर रहा है, जबकि कांग्रेस इस प्रस्ताव को लेकर टालमटोल करती नजर आ रही है.
कांग्रेस नेता उदित राज का स्पष्ट बयान
कांग्रेस नेता उदित राज की दो टूक
कांग्रेस नेता उदित राज ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव केवल राजद के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन पूरे इंडिया ब्लॉक का चेहरा सामूहिक रूप से तय होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस मुख्यालय इस पर अंतिम निर्णय लेगा, जिससे यह साफ होता है कि तेजस्वी को लेकर कांग्रेस की ओर से समर्थन स्पष्ट नहीं है.
राहुल गांधी का गोलमोल जवाब
राहुल गांधी ने भी दिया गोलमोल जवाब
तेजस्वी यादव, जो दो बार डिप्टी सीएम रह चुके हैं और 2020 के चुनाव में राजद की सफलता का श्रेय उन्हें मिलता है, लेकिन कांग्रेस उनकी सीएम दावेदारी पर खुलकर समर्थन नहीं दे रही। जब राहुल गांधी से इस बारे में सवाल किया गया, तब उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय कहा कि इंडिया ब्लॉक के सहयोगी मिलकर काम कर रहे हैं और मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
तेजस्वी यादव का राजनीतिक अनुभव
2020 में भी CM पद के उम्मीदवार थे
तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के पुत्र हैं। उनका राजनीतिक अनुभव गहरा है और वे युवाओं में लोकप्रिय भी हैं। वे 2020 के विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन का चेहरा थे। उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि महागठबंधन बिना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए चुनाव नहीं लड़ेगा.
राजनीतिक स्थिति की अनिश्चितता
जहां एक ओर एनडीए अपनी रणनीति स्पष्ट करने की दिशा में बढ़ रही है, वहीं महागठबंधन में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस राजनीतिक उलझन का असर आने वाले हफ्तों में चुनावी माहौल पर साफ़ देखा जा सकता है.