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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मिथिलांचल में राजनीतिक हलचल तेज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 6 नवंबर को मतदान से पहले चुनाव प्रचार का शोर समाप्त हो जाएगा। मिथिलांचल क्षेत्र में चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है, जहां एनडीए, महागठबंधन, एआईएमआईएम और जन सुराज पार्टी सभी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। जानें इस क्षेत्र की प्रमुख सीटों और उम्मीदवारों के बारे में, और कैसे यह चुनावी माहौल स्थानीय मुद्दों को प्रभावित कर रहा है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मिथिलांचल में राजनीतिक हलचल तेज

चुनाव की तैयारियां पूरी

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 6 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले चुनाव प्रचार का शोर आज शाम समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। चुनाव आयोग और प्रशासन ने मतदान के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, वहीं राजनीतिक दलों ने भी मतदाताओं को आकर्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.


मिथिलांचल का चुनावी महत्व

इस बार चुनावी मुकाबले का केंद्र मिथिलांचल है, जो सात जिलों में फैले लगभग 40 विधानसभा क्षेत्रों का क्षेत्र है। पहले चरण में अधिकांश सीटों पर मतदान होना है। यही कारण है कि एनडीए और महागठबंधन के साथ-साथ असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं.


मधुबनी का राजनीतिक परिदृश्य

मिथिलांचल का केंद्र मधुबनी जिला है, जो विश्वप्रसिद्ध मधुबनी कला का गढ़ है। 2020 के विधानसभा चुनाव में मधुबनी ने एनडीए को भारी समर्थन दिया था, जिसमें एनडीए ने 10 में से 8 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन केवल 2 सीटों पर सिमट गया था. भाजपा ने 5 और जदयू ने 3 सीटें जीती थीं, जबकि राजद को 2 सीटें मिली थीं.


2025 का चुनावी परिदृश्य

हालांकि, 2025 का चुनावी परिदृश्य अलग है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और ओवैसी की एआईएमआईएम के मैदान में आने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है.


एआईएमआईएम की रणनीति

ओवैसी की पार्टी ने इस बार मिथिलांचल में मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की योजना बनाई है। 2020 में सीमांचल क्षेत्र में 5 सीटें जीतकर एआईएमआईएम ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस बार पार्टी मिथिलांचल की चार सीटों पर चुनाव लड़ेगी, विशेष रूप से दरभंगा और मधुबनी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.


मधुबनी विधानसभा में मुकाबला

मधुबनी विधानसभा सीट पर, जहां 11 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होगा, मुकाबला काफी रोचक है। राजद से समीर कुमार महासेठ (महागठबंधन) प्रत्याशी हैं, जबकि एनडीए (RLNM) से माधव आनंद चुनावी मैदान में हैं। जन सुराज पार्टी से अनिल कुमार मिश्रा और एआईएमआईएम से राशिद खलील अंसारी भी चुनावी दौड़ में हैं. यहां चारों दलों की प्रतिष्ठा दांव पर है.


पद्मश्री दुलारी देवी की आवाज

मिथिला कला की प्रसिद्ध चित्रकार पद्मश्री दुलारी देवी ने चुनावी माहौल में क्षेत्र की वास्तविक चिंताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें सम्मान दिया, लेकिन अब उनकी इच्छा है कि सरकार उन युवाओं को भी पहचान दे जो इस कला को सीख रहे हैं. उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने चाहिए.


मिथिलांचल की प्रमुख सीटें

मिथिलांचल में मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा और सुपौल जैसे कई जिले शामिल हैं। मुख्य जातीय समूहों में मैथिल ब्राह्मण, यादव, ईबीसी, दलित और मुस्लिम समुदाय शामिल हैं.


पिछले चुनावों के रुझान

2015 विधानसभा चुनाव: महागठबंधन ने बढ़त बनाई थी - जदयू ने 19, राजद ने 14 और कांग्रेस ने 11 सीटें जीतीं.


2020 विधानसभा चुनाव: एनडीए ने 26 सीटें जीतकर बढ़त हासिल की. राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और भावना झा जैसे बड़े नाम हार गए.


2024 लोकसभा चुनाव: भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने मिथिलांचल की सभी 7 लोकसभा सीटें जीत लीं.