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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मोदी और राहुल की चुनावी रैलियों का दौर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण नजदीक है, और राज्य में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों ही चुनावी रैलियों में भाग लेने जा रहे हैं। मोदी की रैलियां NDA के समर्थन में हैं, जबकि राहुल गांधी बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। तेजस्वी यादव भी अपनी रैलियों के जरिए महागठबंधन का समर्थन करेंगे। जानें इस चुनावी माहौल की पूरी कहानी।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मोदी और राहुल की चुनावी रैलियों का दौर

बिहार में चुनावी माहौल गरमाया

बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण नजदीक है, और राज्य में चुनावी उत्साह चरम पर है। आज का दिन बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी दोनों ही चुनावी रैलियों में भाग लेने जा रहे हैं।


PM मोदी की जनसभाएं

PM मोदी दो जनसभा में होंगे शामिल


प्रधानमंत्री मोदी आज दो बड़ी जनसभाएं आयोजित करेंगे। पहली सभा सुबह 11 बजे मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में होगी, जबकि दूसरी सभा दोपहर 12:45 बजे छपरा में होगी। ये रैलियां NDA के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित की जा रही हैं। दोनों स्थानों पर केंद्र और राज्य के कई प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे। NDA का प्रयास है कि मोदी की उपस्थिति से चुनावी माहौल उनके पक्ष में और मजबूत हो सके। रैलियों की तैयारियां जोरों पर हैं और भारी भीड़ की उम्मीद है।


राहुल गांधी का चुनावी अभियान

इन मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे राहुल गांधी 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी नालंदा और बरबीघा में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। इससे पहले, उन्होंने मुजफ्फरपुर और दरभंगा में भी रैलियां की हैं। राहुल गांधी महागठबंधन के समर्थन में जनता से अपील करेंगे और बेरोजगारी, शिक्षा तथा किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। कांग्रेस की प्रियंका गांधी, शशि थरूर और अन्य वरिष्ठ नेता भी बिहार में प्रचार में सक्रिय हैं।


तेजस्वी यादव की चुनावी रणनीति

तेजस्वी यादव की रैली


दूसरी ओर, RJD नेता तेजस्वी यादव भी आज अपनी पूरी ताकत के साथ चुनावी रैलियों में भाग लेंगे। वे मधेपुरा, दरभंगा और मुजफ्फरपुर सहित कुल नौ जनसभाएं करेंगे। महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में, वे सीधे एनडीए पर हमलावर रुख अपनाएंगे। इस बीच, चुनाव आयोग की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, और मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण जारी है ताकि EVM संचालन और लॉजिस्टिक व्यवस्था सुचारू रूप से की जा सके.