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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर नाराजगी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के नए नियमों ने लोगों में नाराजगी पैदा कर दी है। अब केवल आधार कार्ड से वोट डालना संभव नहीं होगा, जिससे गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई ग्रामीण BLO की मदद से आवश्यक दस्तावेज जुटाने में लगे हैं, जबकि विपक्षी दल इस प्रक्रिया को वंचितों के अधिकारों का हनन मानते हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या चल रहा है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर नाराजगी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर नाराजगी

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर लोगों में भारी नाराजगी और असमंजस देखने को मिल रहा है. राज्य के गांवों में लोग परेशान हैं क्योंकि अब सिर्फ आधार कार्ड से वोट डालना संभव नहीं होगा. चुनाव आयोग ने नए निर्देशों में नागरिकता साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों में से एक दस्तावेज दिखाना जरूरी कर दिया है.


इस नियम के बाद सीधे असर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों पर पड़ा है, जिनके पास अक्सर जाति या निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज नहीं होते. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा से लेकर तेजस्वी यादव के निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर तक लोग BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) की तलाश में भटक रहे हैं.


वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर लोग परेशान

37 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर मेघन मांझी के पास आधार, वोटर कार्ड और मनरेगा कार्ड है, लेकिन वह भी नए नियमों के कारण परेशान हैं. उनका नाम 2003 की मतदाता लिस्ट में नहीं है, इसलिए उन्हें नया प्रमाण दिखाना होगा लेकिन उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है. वहीं, कई महिलाओं का कहना है कि वे न जाति प्रमाण पत्र जानती हैं, न बनवाने की प्रक्रिया. उनके पास केवल आधार कार्ड है.


25 जुलाई से पहले कर लें ये काम

BLO पिंकी कुमारी ग्रामीणों को फॉर्म भरने में मदद कर रही हैं और बार-बार कह रही हैं कि 25 जुलाई से पहले जाति या निवास प्रमाण पत्र बनवा लें, वरना वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ पाएगा.


विपक्षी दलों ने उठाए सवाल

चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि जो लोग 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं थे, उन्हें या तो अपने माता-पिता के नाम उस लिस्ट में साबित करने होंगे, या फिर 11 में से कोई एक वैध दस्तावेज दिखाना होगा. 1 अगस्त को जो नई लिस्ट आएगी, उसमें केवल उन्हीं के नाम होंगे जो यह प्रक्रिया पूरी करेंगे. RJD और अन्य विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को गरीब और वंचितों को वोट देने से वंचित करने की साजिश बताया है. वहीं JDU और बीजेपी कार्यकर्ता ग्रामीणों की मदद में जुटे हैं.