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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट बंटवारे पर बढ़ती राजनीतिक हलचल

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन और एनडीए दोनों में सीट बंटवारे को लेकर असहमति का माहौल है। कांग्रेस और RJD के बीच तनाव बढ़ रहा है, जबकि एनडीए में भी सीटों पर विवाद है। कुछ सीटों पर फ्रेंडली मुकाबले की संभावना है, जिससे चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है। जानें इस चुनाव में क्या हो सकता है निर्णायक।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट बंटवारे पर बढ़ती राजनीतिक हलचल

बिहार चुनाव 2025: राजनीतिक तापमान में वृद्धि

Bihar Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तैयारी तेज हो गई है। महागठबंधन और एनडीए दोनों में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष और मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। आज सीट बंटवारे की घोषणा होने की उम्मीद है। महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) शामिल हैं। सीटों के बंटवारे में तनाव के बीच, कुछ सीटों पर फ्रेंडली मुकाबले की संभावना भी है, जहां गठबंधन के विभिन्न दल आमने-सामने आ सकते हैं।


महागठबंधन में कांग्रेस और RJD के बीच सीटों को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने 65 सीटों की मांग की है, जबकि RJD 60 से कम सीटें देने की योजना बना रहा है। अब तक RJD ने 71 उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल दिया है, जबकि कांग्रेस, आरजेडी और वाम दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय अभी बाकी है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माले ने 18 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 6 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है।


फ्रेंडली मुकाबले की संभावनाएं

फ्रेंडली मुकाबले की संभावना


महागठबंधन में फ्रेंडली मुकाबले की संभावना वाले प्रमुख दस सीटों में घोषी, मटिहानी, राजापाकड़, फुलवारी, कहलगांव, पालीगंज, मांझी, बछवाड़ा, तरारी और कुटुंबा शामिल हैं। इन सीटों पर गठबंधन के दो दल आमने-सामने आ सकते हैं, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है।


एनडीए में असहमति का माहौल

सीटों पर असहमति का माहौल


एनडीए में भी सीटों को लेकर असहमति का माहौल है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के खिलाफ जेडीयू ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। ये सीटें सोनबरसा, गायघाट, राजगीर और एकमा हैं। वहीं, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेकुलर) के नेता जीतन राम मांझी ने भी मखदुमपुर और बोधगया पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। इससे एनडीए में भी फ्रेंडली मुकाबलों की संभावना बढ़ गई है।


गठबंधन के भीतर असहमति

गठबंधन के भीतर असहमति


इस बार का बिहार चुनाव इसलिए भी दिलचस्प माना जा रहा है क्योंकि गठबंधन के भीतर आपसी सहमति न बन पाने की स्थिति में कई सीटों पर मुकाबला तय है। इस चुनाव में वोटर्स का रुझान निर्णायक साबित हो सकता है। फ्रेंडली मुकाबले और गठबंधनों के बीच टकराव के चलते राजनीतिक वातावरण बेहद गर्म है और परिणामों की प्रतीक्षा में सभी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं।