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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी: बीजेपी की नई टीम का गठन

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच बीजेपी ने अपनी नई संगठनात्मक टीम का गठन किया है। दिलीप जायसवाल की अगुवाई में 35 सदस्यीय टीम में पुराने और नए चेहरों का समावेश किया गया है। इस टीम का उद्देश्य सवर्ण, ओबीसी और अतिपिछड़े वर्गों के बीच संतुलन बनाना है। जानें इस नई टीम में कौन-कौन शामिल है और बीजेपी की चुनावी रणनीति क्या है।
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बीजेपी की नई संगठनात्मक टीम का ऐलान

बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा भले ही अभी नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी के लगातार दौरे और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल द्वारा नई टीम की घोषणा ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। शनिवार को घोषित 35 सदस्यीय 'दिलीप टीम' को बीजेपी का एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें पुराने और नए चेहरों का समावेश किया गया है। यह टीम सवर्ण, ओबीसी और अतिपिछड़े वर्गों के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है।


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपनी नई टीम में 13 उपाध्यक्ष, 14 मंत्री, 5 महामंत्री, एक कोषाध्यक्ष और दो सह-कोषाध्यक्ष शामिल किए हैं। इस टीम में 20 पदाधिकारी पहले से हैं, जबकि 15 नए चेहरे शामिल किए गए हैं। दिलीप जायसवाल की टीम में लगभग 60 प्रतिशत सदस्य पूर्व अध्यक्ष सम्राट चौधरी की टीम का हिस्सा रहे हैं, जो संगठन में निरंतरता का संकेत है।


टीम के प्रमुख सदस्यों में 13 प्रदेश उपाध्यक्ष शामिल हैं, जिनमें सिद्धार्थ शंभू, प्रमोद चंद्रवंशी, और अमृता भूषण जैसे नाम शामिल हैं। प्रदेश महामंत्री के रूप में शिवेश राम और राजेश वर्मा जैसे नेता कार्य करेंगे।


बीजेपी ने चुनाव से पहले जातीय समीकरणों को साधने के लिए इस संगठनात्मक बदलाव को लागू किया है। दिलीप जायसवाल, जो ओबीसी वर्ग से आते हैं, के नेतृत्व में सवर्ण जातियों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। कुल 15 सवर्ण नेताओं को संगठन में शामिल किया गया है, जो बीजेपी के पारंपरिक वोट बैंक को बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है।


जातिगत प्रतिनिधित्व का विश्लेषण करते हुए, प्रदेश उपाध्यक्षों में दो राजपूत, तीन वैश्य और दो दलित शामिल हैं। प्रदेश महामंत्रियों में एक दलित और एक कायस्थ हैं।


बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से पहले एक संतुलित राजनीतिक समीकरण बनाने की कोशिश की है। दिलीप जायसवाल की टीम में सवर्ण और अतिपिछड़ी जातियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। बिहार में राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, कायस्थ और वैश्य बीजेपी के पारंपरिक मतदाता माने जाते हैं।