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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी: विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में चुनाव आयोग ने विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर मतदाता पहचान सूची का सत्यापन किया जाएगा। विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है, जबकि आयोग इसे चुनाव की निष्पक्षता के लिए आवश्यक मानता है। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या हैं चुनाव की संभावित तिथियाँ।
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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी: विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त होने वाला है। इस संदर्भ में चुनाव आयोग (ECI) ने अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है। हाल ही में पटना में एक 9-सदस्यीय टीम का आगमन हुआ है, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ उप-निदेशक मनीष गर्ग कर रहे हैं। इस टीम में डिप्टी कमिश्नर संजय कुमार और अन्य उच्च अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने मुख्य क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की और चुनावी तैयारियों की समीक्षा की।


चुनाव आयोग ने बिहार में 2003 के बाद पहली बार "विशेष गहन पुनरीक्षण" (SIR) की प्रक्रिया की घोषणा की है। इस प्रक्रिया में घर-घर जाकर मतदाता पहचान सूची का सत्यापन किया जाएगा। जिन व्यक्तियों के नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें दस्तावेज जैसे आत्म-घोषणा, जन्म और नागरिकता प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। बूथ-स्तर अधिकारियों (BLO) द्वारा 26 जुलाई तक घर-घर सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके बाद प्रारूप सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की जाएगी। आपत्तियाँ 1 अगस्त से 1 सितंबर तक स्वीकार की जाएंगी, और अंतिम सूची 30 सितंबर को जारी की जाएगी।


चुनाव की संभावित तिथियों के अनुसार, आयोग अक्टूबर-नवंबर में चुनाव कराने की योजना बना रहा है, जिसमें छठ-दीपोत्सव, दिवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखा जाएगा। पिछले चुनावों में तीन चरणों में मतदान हुआ था, इसलिए इस बार भी दो या तीन चरणों में मतदान की संभावना है।


विपक्ष ने इस "विशेष गहन पुनरीक्षण" पर गंभीर आपत्ति जताई है। RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि इससे गरीब, दलित और अल्पसंख्यकों के मत हठाए जा सकते हैं। कांग्रेस ने इसे "मताधिकार की डकैतिपना" कहा, जबकि CPI-ML ने इसे "असंवैधानिक" बताते हुए स्थगन की मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे NRC जैसे कदम से जोड़ते हुए समय-सीमा पर सवाल उठाए हैं।


चुनाव आयोग ने इस साल मई में EVM-वीवीपैट की पहली स्तर की जांच भी पूरी की है। अब मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है, ताकि निर्वाचन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे।


संक्षेप में, बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में तीन चरणों में होने की संभावना है। इसके पहले 1 अगस्त से 30 सितंबर तक मतदाता सूची का विशेष सत्यापन किया जाएगा। विपक्ष इसमें खामियाँ बता रहा है, जबकि आयोग इसे चुनाव की निष्पक्षता के लिए आवश्यक मानता है।