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बिहार विधानसभा चुनाव: तौंसीफ आलम का बिरयानी विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान AIMIM के उम्मीदवार तौंसीफ आलम पर अपने समर्थकों को बिरयानी का लालच देने का आरोप लगा है। आलम ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि नामांकन के दौरान बिरयानी की व्यवस्था की जाएगी। इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बारे में।
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बिहार विधानसभा चुनाव: तौंसीफ आलम का बिरयानी विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव में तौंसीफ आलम का विवाद

Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन के दौरान बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से AIMIM के उम्मीदवार तौंसीफ आलम विवादों में आ गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों को नामांकन से पहले बिरयानी का लालच दिया। यह मामला तब उजागर हुआ जब आलम ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया।


बिरयानी पार्टी का खुला निमंत्रण


आलम ने 16 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की योजना बनाई थी। इससे पहले, उन्होंने अपने वीडियो संदेश में समर्थकों से अनुरोध किया कि वे बहादुरगंज में आयोजित फातिहा खानी और दुआ के कार्यक्रम में शामिल हों। उन्होंने यह भी कहा कि सभी समर्थकों के लिए बिरयानी की व्यवस्था की जाएगी।



इस बयान के बाद आलम को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का सामना करना पड़ा। चुनावी प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता लागू होती है, जिसके तहत किसी भी उम्मीदवार द्वारा मतदाताओं या समर्थकों को किसी भी प्रकार का प्रलोभन देना निषिद्ध है। इसके बावजूद, तौंसीफ आलम ने खुलेआम बिरयानी पार्टी का संदेश देकर विवाद खड़ा कर दिया।


नॉमिनेशन कार्यक्रम में बिरयानी का हंगामा


इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो @SachinGuptaUP नामक यूजर द्वारा साझा किया गया है, जिसमें सैकड़ों लोग बिरयानी के लिए उमड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में लोग बिरयानी को पकड़ने और लूटने की कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं।


वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि लोग बिरयानी पर गिरकर उसे लूटने का प्रयास कर रहे हैं। यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बिहार किशनगंज जिले की बहादुरगंज विधानसभा सीट से AIMIM प्रत्याशी तौंसीफ आलम के नॉमिनेशन प्रोग्राम में बिरयानी के लिए लूट मची!"


हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि अभी तक किसी मीडिया चैनल ने नहीं की है। चुनाव आयोग इस मामले की जांच कर सकता है और आवश्यक कार्रवाई कर सकता है। यह घटना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।