बिहार विधानसभा चुनाव: नतीजों से पहले नेताओं की रातों की नींद उड़ी
बिहार चुनाव परिणामों की तैयारी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों की घड़ी नजदीक आ गई है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो तेजी से फैल रहे हैं, जिससे कई प्रमुख नेताओं की नींद उड़ गई है। चुनाव परिणामों की पूर्व संध्या पर, बिहार के कई प्रमुख नेताओं की रातें चिंता में बीतने वाली हैं। ईवीएम से लेकर सरकार बनाने और गिराने तक, सभी प्रकार की योजनाएं बनाई जा रही हैं। रात के अंधेरे में, बंद कमरों में रणनीतियों पर चर्चा चल रही है। बड़ी पार्टियों की नजर उन निर्दलीय उम्मीदवारों पर है, जिनकी जीत की संभावनाएं हैं। उन उम्मीदवारों के पुराने संबंधों की भी जांच की जा रही है।
14 नवंबर की सुबह काउंटिंग से पहले, आज की रात बिहार के ठंडे मौसम ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। इसका असर दिल्ली तक महसूस किया जा रहा है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही कैंप में हलचल मची हुई है। एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद, दोनों गठबंधन अपनी अंतिम रणनीतियों को तैयार करने में जुटे हैं। दोनों पक्ष संभावित परिणामों को स्वीकार करने और अस्वीकार करने के लिए अपने सलाहकारों के साथ गुप्त बैठकें कर रहे हैं।
महागठबंधन और आरजेडी के लिए मतगणना केंद्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। आरजेडी और अन्य महागठबंधन के नेता खुद और अपने प्रतिनिधियों के साथ मिलकर ईवीएम स्ट्रांग रूम के आसपास पूरी रात चौकसी बरत रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी अवांछित व्यक्ति या वस्तु स्ट्रांग रूम के पास न जा सके।
दोनों गठबंधनों के कार्यालयों और नेताओं के निवास पर आंकड़ों का मिलान किया जा रहा है। बूथ स्तर के आंकड़ों को एग्जिट पोल के नतीजों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। महागठबंधन के नेताओं को विश्वास है कि एंटी-इनकम्बेंसी के कारण एग्जिट पोल के आंकड़े गलत साबित होंगे। वहीं, दूसरी ओर, एनडीए के नेता एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित होकर सरकार बनाने के लिए गुप्त बैठकों का आयोजन कर रहे हैं।
एनडीए के नेता नीतीश कुमार और महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव दोनों गठबंधनों के शीर्ष नेताओं और करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर हर सीट पर संभावित हार-जीत के कारणों पर चर्चा कर रहे हैं। चूंकि एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त मिली है, इसलिए दिल्ली में बीजेपी नेताओं के देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहने की संभावना है।
पटना से दिल्ली तक नेताओं की नींद गायब, पाला बदलने की चर्चा
महागठबंधन के राष्ट्रीय नेता दिल्ली में विपक्षी दलों के समकक्षों के साथ संपर्क में हैं। यदि परिणाम त्रिशंकु विधानसभा के रूप में आते हैं, तो आगे की रणनीति क्या होगी? कौन-कौन से नेता पाला बदल सकते हैं? इस पर दोनों गठबंधनों में चर्चा चल रही है कि यदि स्थिति अनिश्चित होती है, तो किन वरिष्ठ नेताओं को बिहार में तैनात किया जाए, जो नतीजों के तुरंत बाद विधायकों को एकजुट करने और पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का कार्य करेंगे।
कुल मिलाकर, आज की रात बिहार की सत्ता के दावेदारों के लिए रणनीति और सत्ता के गणित को अंतिम रूप देने का समय है। कल सुबह 8 बजे ईवीएम खुलने के बाद यह स्पष्ट होगा कि किसकी रणनीति सफल रही और बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
