बिहार विधानसभा चुनाव पर तेजस्वी यादव के बायकॉट के संकेत से सियासी हलचल

तेजस्वी यादव के बायकॉट के संकेत पर सियासी प्रतिक्रिया
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चुनाव बायकॉट करने के संकेत ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन, जिन्हें पप्पू यादव के नाम से जाना जाता है, ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो सभी सदस्य इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
पप्पू यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता हैं और इस मुद्दे पर सभी से चर्चा करेंगे। उनके अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय और विधानसभा सबसे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी शक्ति सदन से ऊपर नहीं है और यदि जरूरत पड़ी, तो सभी लोग इस्तीफा देंगे।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने तेजस्वी यादव के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव आयोग अब एक राजनीतिक संस्था बन गई है। भाजपा के निर्देश पर ही वोटर लिस्ट में नाम जोड़े या हटाए जा रहे हैं, जिससे संसद में मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही है।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी सदन को चलने नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी संसद में चर्चा में भाग नहीं ले रहे हैं और मतदाता सूची के संशोधन से भाग रहे हैं।
कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि यदि चुनाव पहले से तय हैं, तो चुनाव लड़ने का क्या मतलब है? उन्होंने लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से अपील की कि वह सरकार की कठपुतली न बने।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि एसआईआर लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रहा है। जदयू सांसद गिरधारी यादव ने भी आम लोगों की स्थिति पर विचार करने की आवश्यकता जताई।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने तेजस्वी यादव के बायकॉट के बयान पर कहा कि इसका मतलब है कि उन्हें चुनाव हारने का डर है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी ने कहा कि तेजस्वी यादव की चिंता स्वाभाविक है और विपक्ष को एकजुट रहना चाहिए।
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि तेजस्वी यादव का राजनीतिक प्रभाव खत्म हो गया है और अब उन्हें बिहार की जनता की विकास की चाहत का एहसास हो रहा है।