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बिहार विधानसभा चुनाव: पहले चरण की वोटिंग में दिखी लंबी कतारें

बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग जारी है, जिसमें 7.4 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। मतदान केंद्रों पर विशेष इंतज़ाम किए गए हैं, जैसे तंबू और बैठने की व्यवस्था। विपक्ष ने मतदाता सूची में संशोधन को लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा और चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है। इस चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानें इस चुनाव का राजनीतिक महत्व और आगामी रुझानों के बारे में।
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बिहार विधानसभा चुनाव: पहले चरण की वोटिंग में दिखी लंबी कतारें

बिहार में विधानसभा चुनाव की वोटिंग

बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत गुरुवार को मतदान जारी रहा, जिसमें कई जिलों में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं। जानकारी के अनुसार, 18 जिलों की 243 सीटों के लिए मतदान दो चरणों में किया जा रहा है, और मतगणना 14 नवंबर को होगी। यह चुनाव अन्य राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जा रहा है।


मतदाता संख्या और विपक्ष के आरोप

राज्य में कुल 7.4 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं, उनका आरोप है कि असली मतदाताओं को हटाया जा रहा है जिससे भाजपा को लाभ मिल रहा है। हालांकि, भाजपा और चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है।


मतदान केंद्रों पर विशेष इंतज़ाम

वोटिंग के दौरान कई मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। कई बूथों पर तंबू और बैठने की व्यवस्था की गई थी ताकि लोग धूप से बच सकें। कुछ स्थानों पर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं। इसके अलावा, कई बूथों पर सेल्फी प्वॉइंट भी बनाए गए थे, जहां लोग मतदान के बाद तस्वीरें खींच रहे थे।


विशेष जरूरतमंद मतदाताओं की मदद

एक 70 वर्षीय महिला को उनके परिवार के सदस्यों ने चारपाई पर उठाकर मतदान केंद्र तक लाया, क्योंकि वे बीमार थीं लेकिन वोट देना चाहती थीं। इसी तरह, कई पोलिंग बूथों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की मदद से वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं को लाया गया।


मतदान का प्रतिशत और राजनीतिक स्थिति

चुनाव आयोग के अनुसार, शाम 4 बजे तक 53.77% मतदान दर्ज किया गया था। बिहार एक गरीब और अत्यधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां से बड़ी संख्या में लोग रोज़गार के लिए अन्य राज्यों में जाते हैं। भाजपा अब तक राज्य में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है।


गठबंधन और नए राजनीतिक दल

वर्तमान सरकार में भाजपा और जदयू की गठबंधन सरकार है। इस बार भी दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस, राजद और कुछ अन्य दलों ने महागठबंधन बनाकर मोर्चा संभाला है। इस चुनाव में प्रशांत किशोर की नई पार्टी भी पहली बार राजनीति में उतर रही है।


विवादित निर्णय और महिला मतदाताओं की भूमिका

चुनाव से पहले एक विवादित निर्णय में चुनाव आयोग ने 47 लाख से अधिक नाम मतदाता सूची से हटाए थे, जिस पर विपक्ष ने विरोध जताया। आयोग ने इसे नियमित प्रक्रिया बताया। जांचकर्ताओं का मानना है कि महिला मतदाता इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कई महिलाओं ने मतदान के लिए जागरूकता फैलाने का काम किया है। मसौढ़ी गांव की कुशबू देवी का कहना है कि महिलाओं के मतदान के बिना वास्तविक जनमत का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।


बिहार चुनाव का महत्व

इस प्रकार, बिहार का यह चुनाव न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदलने वाला है, बल्कि आने वाले समय में चुनावी रुझानों का भी संकेत देगा।