बिहार विधानसभा चुनाव: मायावती ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल

बिहार चुनाव की सियासी हलचल
लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी आ गई है। गोपाल खेमका की हत्या के मामले में नीतीश सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखे हमले किए हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने बिहार की कानून व्यवस्था को बेहद खराब बताया है और यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।
मायावती ने कहा कि बिहार में विशेष रूप से दलितों, अति-पिछड़ों, शोषितों, गरीबों और उनकी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, हत्या और जातिवादी शोषण के मामले हमेशा चर्चा में रहे हैं। हाल ही में पटना में भाजपा के एक प्रमुख उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि यदि वह अभी से उचित कदम उठाए, तो चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान हो रही हिंसक घटनाओं के पीछे किसका स्वार्थ है, यह सवाल उठता है। यह न केवल राज्य की गठबंधन सरकार को कठघरे में खड़ा करता है, बल्कि इससे राज्य की राजनीति पर भी गहरा असर पड़ेगा।
बसपा, जो कि दलितों, पिछड़ों, वंचितों और मजदूरों की पार्टी है, अपने सिद्धांतों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव अकेले अपने बल पर लड़ेगी। मायावती ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग, बाहुबल, धनबल और अपराध बल से मुक्त कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हो सके।