बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का सीट बंटवारा: क्या हैं संभावनाएं?

एनडीए में सीट बंटवारे की तैयारी
2024 के लोकसभा चुनावों के संदर्भ में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने की संभावना है। बिहार में भाजपा, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे प्रमुख दल शामिल हैं। एनडीए के भीतर सीट वितरण की तैयारियां चल रही हैं, और यह पिछले संसदीय चुनावों के पैटर्न के अनुसार हो सकता है।
एनडीए के घटकों का चुनावी समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 17, जनता दल (यूनाइटेड) ने 16, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 5, जबकि हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था। भाजपा को थोड़ी बढ़त मिली थी, लेकिन इस बार जेडीयू कुछ और सीटें मांगने की उम्मीद कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव में जेडीयू लगभग 102-103 सीटों पर और भाजपा 101-102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। शेष 40 सीटें लोक जनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच बांटी जाएंगी।
सहयोगी दलों के हिस्से की संभावना
लोक जनशक्ति पार्टी को अपने संसदीय प्रतिनिधित्व के कारण बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, एलजेपी 25 से 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा को 6-7 सीटें और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें मिल सकती हैं। यह बंटवारा पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों और पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षणों पर आधारित है।
भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण का महत्व
बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक माहौल का आकलन करने के लिए भाजपा ने इस वर्ष की शुरुआत में आंतरिक सर्वेक्षण कराया था। इन सर्वेक्षणों के परिणाम न केवल सीट बंटवारे में सहायक होंगे, बल्कि उम्मीदवारों के चयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भाजपा का लक्ष्य हर क्षेत्र से सबसे मजबूत प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारना है।
मंत्रिमंडल में पदों का आवंटन
सर्वेक्षण के परिणाम मंत्रिमंडल में पदों के आवंटन पर भी प्रभाव डाल सकते हैं, खासकर यदि एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करता है। यह चुनाव अक्टूबर-नवंबर के बीच होने की संभावना है। भाजपा बिहार में अपनी जीत के लिए हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में मिले चुनावी अनुभवों से सीख लेकर बेहतर रणनीति बना रही है।
उम्मीदवारों की घोषणा की योजना
भाजपा के रणनीतिकार चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा पर विचार कर रहे हैं। यह रणनीति पिछले कई राज्यों के चुनावों में पार्टी के लिए सफल साबित हुई है। भाजपा बिहार में भी इसी मॉडल को अपनाकर चुनावी लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही है।