बिहार विधानसभा में मतदाता सूची पर तेजस्वी यादव का तीखा हमला, नीतीश कुमार ने दिया जवाब

बिहार विधानसभा में बहस का माहौल
बुधवार को बिहार विधानसभा में मतदाता सूची के संशोधन को लेकर एक गरमागरम बहस हुई। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया में मांगे जा रहे 11 दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए कहा कि गरीबों के पास इतने कागजात उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार इस प्रक्रिया में पीछे रह गया है।
तेजस्वी का संविधान पर जोर
तेजस्वी ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों को समान मताधिकार प्रदान करता है। वह मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने 2003 की प्रक्रिया का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय इसे पूरा करने में डेढ़ साल लग गए थे। इसके साथ ही, उन्होंने चिंता जताई कि बारिश के मौसम में ग्रामीण लोग फॉर्म कैसे भरेंगे।
आधार और राशन कार्ड पर सवाल
तेजस्वी ने यह भी पूछा कि आधार और राशन कार्ड को इस प्रक्रिया में क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को बांग्लादेशी, नेपाली और म्यांमार के नागरिक कहकर अपमानित किया जा रहा है, जो बेहद आपत्तिजनक है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जवाब
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन सवालों से नाराज हो गए और उन्होंने तेजस्वी को उनके माता-पिता के शासनकाल की याद दिलाई। नीतीश ने कहा कि जब तेजस्वी के माता-पिता मुख्यमंत्री थे, तब की स्थिति और आज की स्थिति में बड़ा अंतर है। उन्होंने तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब वे मुख्यमंत्री बने, तभी बिहार में असली विकास शुरू हुआ।
महिलाओं की सुरक्षा पर नीतीश का जोर
नीतीश कुमार ने महिलाओं की सुरक्षा और मुस्लिम समुदाय के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने तेजस्वी को 'बच्चा' कहकर संबोधित करते हुए कहा कि अब जब वे विपक्ष में हैं, तो अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, "जब हम काम कर रहे थे, तब तुम बच्चे थे।"