बिहार सरकार ने युवाओं के लिए 8414 नई नौकरियों की घोषणा की

बिहार में रोजगार के नए अवसर
बिहार समाचार: 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले, नीतीश कुमार की सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 10 जून 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में 8414 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। इनमें से 8093 पद पंचायती राज विभाग के तहत निम्नवर्गीय लिपिक (पंचायत क्लर्क) के लिए निर्धारित किए गए हैं, जो पंचायत सचिवालयों को सशक्त बनाने में सहायक होंगे। इस निर्णय से बिहार के युवाओं को सरकारी नौकरी के नए अवसर मिलेंगे और ग्रामीण प्रशासन को मजबूती मिलेगी।
पंचायती राज विभाग में बंपर भर्ती
कैबिनेट ने पंचायती राज विभाग के तहत 8093 निम्नवर्गीय लिपिक पदों के सृजन को स्वीकृति दी है। ये नियुक्तियां ग्राम पंचायत कार्यालयों में की जाएंगी, जिससे पंचायत सचिवालयों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। यह कदम न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं को सुचारू बनाएगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
अन्य विभागों में भी नए पदों का सृजन
पंचायती राज विभाग के अलावा, कैबिनेट ने अन्य विभागों में भी नए पदों को मंजूरी दी है। इनमें कृषि विपणन निदेशालय में विभिन्न श्रेणियों के 14 नए पद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, पटना में स्पोर्ट्स इंजरी इकाई के संचालन के लिए 36 नए पद, और वायुयान संगठन निदेशालय में संविदा और मानदेय के आधार पर 4 पद शामिल हैं। इन निर्णयों से स्वास्थ्य, कृषि और प्रशासनिक क्षेत्रों में भी नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। कुल 22 प्रस्तावों पर मुहर लगने के साथ, नीतीश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास और रोजगार को प्राथमिकता दी है।
चुनावी साल में रोजगार पर फोकस
बिहार सरकार ने 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख नौकरियों और 34 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का वादा किया था। सरकार का दावा है कि अब तक लगभग 10 लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं। इस कैबिनेट निर्णय के साथ, नीतीश सरकार ने अपने वादे को पूरा करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। पंचायत स्तर पर लिपिकों की भर्ती से न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ेगी।
सियासी दांव या वास्तविक प्रयास?
इस फैसले पर विपक्ष ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे 'चुनावी जुमला' करार दिया, जबकि कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की। भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इसे बिहार के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर बताया। इन 8414 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) और अन्य संबंधित निकायों के माध्यम से नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करने और प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।