बी. सुदर्शन रेड्डी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर चौंकाने वाला खुलासा

उपराष्ट्रपति पद के लिए बी. सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी
B. Sudarshan Reddy: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में अपनी उम्मीदवारी के बारे में एक दिलचस्प जानकारी साझा की। एक मीडिया चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैंने केवल बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा था। मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ूंगा।” रेड्डी ने बताया कि नामांकन से दो दिन पहले तक उनके मन में उपराष्ट्रपति पद के लिए कोई विचार नहीं था। उनकी इस यात्रा की शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे संपर्क किया और इंडिया गठबंधन की ओर से उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखा.
बी. सुदर्शन रेड्डी ने अपनी उम्मीदवारी के पीछे की कहानी साझा करते हुए कहा कि शुरुआत में वे किसी एक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैंने अपना विचार व्यक्त किया कि मेरे लिए किसी विशेष पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनना कठिन हो सकता है। अगर इंडिया गठबंधन सहमत हों और वे सभी एक साथ आएं, तो मैं चुनाव लड़ूंगा।” इस प्रकार, गठबंधन की एकजुटता और साझा दृष्टिकोण ने उन्हें इस ऐतिहासिक दौड़ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। यह उनके लिए केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि एक बड़े उद्देश्य का हिस्सा बनने का अवसर था.
#WATCH | Delhi | INDIA alliance Vice-Presidential nominee, former Supreme Court Judge B Sudershan Reddy says, "I have no business to like or dislike any ideology, but I have my serious differences with the way it (RSS) functions, because I am a liberal constitutional democrat. I… pic.twitter.com/kacEGvnw1s
— Media Channel (@MediaChannel) August 23, 2025
वैचारिक टकराव, व्यक्तिगत नहीं
उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को रेड्डी ने एक वैचारिक लड़ाई के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई नहीं है, यह विचारों का टकराव है। दूसरा पक्ष प्रचार कर रहा था कि यहां एक व्यक्ति है, जो जीवन भर RSS का पूर्ण सदस्य रहा है। मैं उस विचारधारा से असहमत हूं, सी.पी. राधाकृष्णन जी से नहीं।” रेड्डी ने जोर देकर कहा कि उनके और उनके प्रतिद्वंद्वी के बीच कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं हैं। “हम एक-दूसरे से कभी मिले भी नहीं हैं। इसलिए मैं चाहता था कि यह एक सभ्य प्रतियोगिता हो, व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच.”
एक सभ्य और वैचारिक प्रतियोगिता की अपील
रेड्डी ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि यह चुनाव व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का नहीं, बल्कि विचारधाराओं के बीच एक स्वस्थ संवाद का अवसर है। उनकी उम्मीदवारी इंडिया गठबंधन के साझा मूल्यों और देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनकी यह स्पष्टता और सौम्यता उन्हें एक मजबूत और प्रेरणादायक उम्मीदवार बनाती है.